Truecaller AI Assistance Feature: स्पैम कॉल्स लगातार बढ़ रहे हैं. अमूमन हर व्यक्ति को दिन में एक न एक ऐसी कॉल जरूर आती है जो स्पैम होती है. स्पैम कॉल से छुटकारा दिलाने के लिए ट्रूकॉलर ने एक नया AI पावर्ड फीचर रोलआउट किया है. कंपनी ने AI Assitance फीचर जारी किया है जो मशीन लर्निंग और क्लाउड टेलीफोनी का इस्तेमाल करते हुए लोगों को ये बताता कि उन्हें कॉल उठानी चाहिए या नहीं. फिलहाल AI अस्सिटेंस एंड्रॉइड यूजर्स के लिए मौजूद है. आप ऐप के लेटेस्ट वर्जन को डाउनलोड कर इस फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं.


ट्रूकॉलर का नया फीचर खुद कॉल्स को पिक करता है और कॉलर की बात को ट्रांसक्राइब कर यूजर को ये बताता कि उन्हें कॉल उठानी चाहिए या नहीं. अगर ये फीचर आपने ऑन किया है और आप फोन से दूर हैं तो यदि कोई कॉल आती है तो ट्रूकॉलर खुद इस कॉल को पिक कर लेता है और स्पैम होने पर इस बात की जानकारी आपको देता है. ट्रूकॉलर के एमडी इंडिया ऋषित झुनझुनवाला ने कहा कि अब तक ट्रूकॉलर आपको दिखाता था कि कौन कॉल कर रहा है लेकिन अब आप ट्रूकॉलर असिस्टेंट को अपनी ओर से कॉलर के साथ बातचीत करने दे सकते हैं ताकि आपको फालतू के स्पैम कॉल न उठाने पड़े.


कैसे काम करता है नया फीचर?


इस फीचर को ऑन रखने से जब भी आपको कोई कॉल आएगा तो उसे आप डिजिटल अस्सिटेंस को ट्रांसफर कर सकते हैं. यानि आपके बदले आपका कॉल AI पिक करेगा. AI कॉलर के आवाज को टेक्स्ट में बदलेगा और आपको ये बताएगा कि आपको कॉल लेनी चाहिए या नहीं.


फिलहाल ये फीचर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए 14 दिन के फ्री ट्रायल पर उपलब्ध है. ट्रायल खत्म होने के बाद आप 149 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाले ट्रूकॉलर प्रीमियम असिस्टेंट प्लान के हिस्से के रूप में असिस्टेंट को इसमें एड कर सकते हैं. बता दें, प्रमोशनल डील के तहत यह प्लान फिलहाल 99 रुपये में उपलब्ध है. ट्रूकॉलर असिस्टेंस शुरुआत में भारत में अंग्रेजी, हिंदी और 'हिंग्लिश' को सपोर्ट करता है. आप चाहें तो AI मैसेज को कस्टमाइज और वॉइस को बदल सकते हैं. 


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