What is RAM: आज के दौर में स्मार्टफोन सिर्फ कॉल करने या मैसेज भेजने का जरिया नहीं रह गया है. सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो एडिटिंग, डिजिटल पेमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे फीचर्स ने फोन को एक पावरफुल मिनी कंप्यूटर बना दिया है. लेकिन इन सभी कामों के पीछे जिस चीज़ की सबसे अहम भूमिका होती है वह है RAM. अक्सर लोग फोन खरीदते समय कैमरा और बैटरी पर ध्यान देते हैं लेकिन RAM की अहमियत को पूरी तरह नहीं समझ पाते.
RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है. यह फोन की वह अस्थायी मेमोरी होती है जिसमें ऐप्स और प्रोसेस चलते समय का डेटा स्टोर होता है. जितनी ज्यादा RAM होगी, उतने ज्यादा ऐप्स एक साथ स्मूद तरीके से चल पाएंगे और फोन की परफॉर्मेंस बेहतर रहेगी.
RAM कैसे काम करती है?
जब आप फोन में कोई ऐप खोलते हैं तो उसका जरूरी डेटा स्टोरेज से निकलकर RAM में चला जाता है. RAM की स्पीड स्टोरेज की तुलना में काफी ज्यादा होती है इसलिए ऐप तेजी से खुलता है और बिना अटके काम करता है. जैसे ही आप ऐप बंद करते हैं या फोन रीस्टार्ट होता है RAM साफ हो जाती है.
अगर RAM कम होती है तो फोन को बार-बार ऐप्स बंद करने पड़ते हैं, बैकग्राउंड प्रोसेस रुक जाते हैं और यूज़र को लैग या हैंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि आज 8GB या 12GB RAM वाले फोन ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं.
स्मार्टफोन में RAM की बढ़ती जरूरत क्यों?
कुछ साल पहले तक 2GB या 3GB RAM वाले फोन भी ठीक-ठाक काम कर लेते थे. लेकिन अब ऐप्स भारी हो चुके हैं, गेम्स में हाई-ग्राफिक्स आ चुके हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम भी ज्यादा संसाधन मांगता है. 5G, AI फीचर्स, कैमरा प्रोसेसिंग और मल्टीटास्किंग के चलते RAM की डिमांड लगातार बढ़ रही है. आज मिड-रेंज स्मार्टफोन में भी 8GB RAM आम बात हो चुकी है जबकि प्रीमियम सेगमेंट में 12GB से लेकर 16GB RAM तक देखने को मिल रही है.
RAM की कमी क्यों बन रही है बड़ी समस्या?
हाल के समय में ग्लोबल मार्केट में RAM की सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ी है. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में उतार-चढ़ाव, बढ़ती मांग और सीमित प्रोडक्शन क्षमता के कारण RAM चिप्स की उपलब्धता प्रभावित हो रही है. इसके अलावा, AI सर्वर, डेटा सेंटर और लैपटॉप मार्केट में भी RAM की मांग तेजी से बढ़ी है जिससे स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर दबाव पड़ रहा है. जब किसी चीज़ की मांग ज्यादा और सप्लाई कम होती है तो उसकी कीमत बढ़ना तय है. यही हाल RAM चिप्स के साथ देखने को मिल रहा है.
RAM महंगी होने से स्मार्टफोन की कीमत पर क्या असर पड़ेगा?
RAM की कीमत बढ़ने का सीधा असर स्मार्टफोन की कुल लागत पर पड़ता है. फोन का प्रोसेसर, कैमरा और डिस्प्ले पहले से ही महंगे होते जा रहे हैं. अब अगर RAM भी महंगी हो जाएगी तो कंपनियों के लिए कम कीमत पर फोन लॉन्च करना मुश्किल हो जाएगा.
संभावना है कि आने वाले समय में 6GB या 8GB RAM वाले फोन भी पहले से ज्यादा महंगे मिलें. बजट सेगमेंट में कंपनियां या तो RAM कम कर देंगी या फिर कीमत बढ़ाने का रास्ता अपनाएंगी.
बजट स्मार्टफोन यूजर्स के लिए क्या बदलेगा?
RAM की कमी और कीमत में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर बजट स्मार्टफोन खरीदने वालों पर पड़ सकता है. पहले जहां 10–12 हजार रुपये में 6GB RAM मिल जाती थी अब उसी कीमत में 4GB RAM तक सीमित विकल्प मिल सकते हैं.
कुछ कंपनियां वर्चुअल RAM जैसे सॉफ्टवेयर फीचर्स के जरिए इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन यह असली RAM का पूरा विकल्प नहीं होती. वर्चुअल RAM स्टोरेज का इस्तेमाल करती है जिसकी स्पीड RAM जितनी तेज नहीं होती.
प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में क्या होगा?
प्रीमियम फोन पहले ही महंगे होते हैं इसलिए RAM महंगी होने का असर वहां कम महसूस हो सकता है. लेकिन फिर भी फ्लैगशिप फोन्स की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. 16GB RAM जैसे हाई-एंड वेरिएंट और भी ज्यादा महंगे हो सकते हैं. इसके साथ ही कंपनियां बेस वेरिएंट में कम RAM देकर, हाई RAM वाले मॉडल्स को ज्यादा प्रीमियम प्राइस पर बेच सकती हैं.
RAM टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव
स्मार्टफोन RAM सिर्फ मात्रा में ही नहीं, टेक्नोलॉजी के मामले में भी बदल रही है. LPDDR4 से लेकर LPDDR5 और अब LPDDR5X तक का सफर तय किया जा चुका है. नई RAM टेक्नोलॉजी ज्यादा फास्ट, पावर एफिशिएंट और महंगी होती है. जैसे-जैसे कंपनियां नई टेक्नोलॉजी अपनाएंगी वैसे-वैसे लागत बढ़ेगी और इसका असर फोन की कीमत पर दिखेगा.
यूज़र्स को क्या करना चाहिए?
अगर आप नया स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो RAM को नजरअंदाज न करें. भविष्य को ध्यान में रखते हुए कम से कम 8GB RAM वाला फोन चुनना समझदारी हो सकती है. इसके अलावा, सिर्फ ज्यादा RAM के चक्कर में बेवजह महंगा फोन लेना भी जरूरी नहीं है. अपनी जरूरत और इस्तेमाल के हिसाब से संतुलन बनाना जरूरी है.
RAM स्मार्टफोन की परफॉर्मेंस की रीढ़ होती है. बढ़ती टेक्नोलॉजी और ऐप्स की मांग के चलते इसकी जरूरत लगातार बढ़ रही है. वहीं, RAM की कमी और बढ़ती कीमतें आने वाले समय में स्मार्टफोन को और महंगा बना सकती हैं. ऐसे में यूजर्स को समझदारी से फैसला लेना होगा और कंपनियों को भी कीमत और फीचर्स के बीच संतुलन बनाना पड़ेगा.
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