Supreme court Judge on AI: बाजार में जब से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल आए हैं तब से ये लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं और नौकरी पेशा कर रहे लोगों के मन में उनकी नौकरी जाने का डर लगा हुआ है. दरअसल, ओपन एआई के चैटबॉट 'चैट जीपीटी' ने बाजार में सनसनी मचाई हुई है क्योंकि ये सभी कामकाज फटाफट कुछ सेकेंड्स में पुरे कर ले रहा है.


जिस काम को करने के लिए अमूमन कंपनियां लोगों को रखती है वो काम काज ये चैटबॉट कुछ मिनट में पूरा कर रहा है. ऐसे में सभी के मन में अपनी नौकरी जाने का डर बैठा हुआ है. अगर आपके जहन में भी कभी इस तरह ख्याल आता है तो आज आपको सुप्रीम कोर्ट की जज हिमा कोहली के द्वारा कही गई बातें जरूर पढ़नी चाहिए. 


खतरा नहीं बल्कि अवसर समझें- सुप्रीम कोर्ट जज 


सुप्रीम कोर्ट की जज हीमा कोहली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई फायदे गिनाएं और कहा कि लोगों को इससे बिल्कुल भी नहीं डरना चाहिए क्योंकि इस टूल की मदद से वे अपने कामकाज को और बेहतर बना सकते हैं. हिमा कोहली ने कहा कि लोगों को एआई टूल को खतरे के रूप में नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देखना चाहिए. एआई टूल के आने के बाद आम लोग ही नहीं बल्कि वकील भी डरे हुए हैं कि कहीं इससे उनके पेशे में परेशानी न जाए.


न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है क्योंकि एआई टूल रूटीन कामकाज में काफी मदद कर सकते हैं और लीगल रिसर्च और पैटर्न को पहचानने में मददगार साबित हो सकते हैं जिससे बेहतर नतीजे आ सकते हैं. कोविड के दौरान टेक्नोलॉजी ने ही सब कुछ चलाएं रखा था. ऐसे में इससे डरना समझदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ वकालत के क्षेत्र में बल्कि अन्य जगह भी AI टूल काफी मददगार साबित हो सकते हैं.


सुप्रीम कोर्ट की जज ने कहा कि विकास की कोई सीमा नहीं है क्योंकि मानव बुद्धि और कल्पना की कोई सीमा नहीं है. जो लोग एआई से डर रहे हैं उन्हें ये सोचना चाहिए कि' चैट जीपीटी' जैसे आई टूल भी इंसानों ने ही बनाएं है. इंसान टेक्नोलॉजी की मदद लेकर कामकाज को एफिशिएंट और प्रोडक्टिव बना सकता है. हिमा कोहली ने कहा कि AI टूल किसी भी तरह से किसी के पेशे के लिए खतरा नहीं है बल्कि सही मायनों में ये व्यक्ति के कामकाज को और बेहतर और आरामदायक बना सकते हैं.


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