QR Code Scam : ऑनलाइन धोखाधड़ी में तेजी से क्यूआर कोड स्कैम के शिकार आम लोग हो रहे हैं. ये स्कैम ऑनलाइन स्कैम की तरह ही है, जिसमें स्कैमर्स अपनी लच्छेदार बातों में यूजर्स को फसाते हैं और फिर धीरे से अपना शिकार बना लेते हैं. इस स्कैम को आमतौर पर फिशिंग साइटों के जरिए अंजाम दिया जाता है, जहां स्कैमर्स क्यूआर कोड को स्कैन करने का ऑप्शन देते हैं और आप जैसे ही क्यूआर कोड स्कैन करते हैं, वैसे ही आपकी फाइनेंशियल डिटेल्स उनके हाथ लग जाती है और आपका अकाउंट चुटकी में खाली हो जाता है.



हाल ही में मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी भी ऐसे ही ऑनलाइन स्कैम का शिकार हुई थी. जिसमें उसने ऑनलाइन सेकेंड हैंड मार्केटप्लेस पर एक पुराना सोफा सेट बेचने की कोशिश की, लेकिन इसके बदले उसे 34,000 रुपये का चूना लग गया. आपको बता दें बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. यहां हम आपको क्यूआर कोड स्कैम का तरीका और उससे बचने के टिप्स बता रहे हैं.


QR कोड स्कैम कैसे होता है?


स्कैम तब शुरू होता है जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु को ऑनलाइन बिक्री वेबसाइट पर डालता है. तभी धोखेबाज खुद को खरीदार के रूप में पेश करते हैं और अग्रिम या टोकन राशि का भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड साझा करते हैं. जिसको स्कैन करके भुगतान पाने की जानकारी स्कैमर्स देते हैं. जैसे ही यूजर्स इस क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, वैसे ही उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं.


QR कोड घोटाले की पहचान कैसे करें?


घोटालों की पहचान करने के लिए सबसे पहले यूजर्स को यह पता होना चाहिए कि क्यूआर कोड केवल पैसे भेजने के लिए स्कैन किया जाता है, पैसे प्राप्त करने के लिए नहीं. इस स्कैम को पहचाने का एक तरीका और है, जिसमें आप क्यूआर कोड या फेक वेबसाइट की पहचान कर सकते हैं. अगर किसी वेबसाइट की शुरुआत "https://" से शुरू नहीं हो रही है और वेबसाइट के नाम में कोई स्पेलिंग में मिस्टेक है तो आप समझ लीजिए ये फेक वेबसाइट है.


QR कोड घोटालों से कैसे बचें?


क्यूआर कोड स्कैम से बचाव के लिए, अजनबियों के साथ यूपीआई आईडी और बैंक विवरण शेयर करने से बचें, ऑनलाइन लेनदेन वेरिफाई करें और संदिग्ध क्यूआर कोड से सावधानी बरतें.


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