Smartphone में लोकेशन सर्विस इनेबल रखना जरूरी-सा हो गया है. नेविगेशन ऐप्स से लेकर कैमरा ऐप तक लोकेशन की जरूरत पड़ती है. इससे फोन को यूज करना आसान हो जाता है. हालांकि, लोकेशन सर्विस के कारण फोन की बैटरी लाइफ पर बहुत बुरा असर पड़ता है. लोकेशन सर्विस इनेबल रहने की बैटरी तो जल्दी खत्म होती ही है, साथ ही डेटा यूज पर भी काफी फर्क पड़ता है. आइए आज जानते हैं कि फोन में लोकेशन ऑन रखने से बैटरी और डेटा यूज पर क्या-क्या असर होता है.

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लोकेशन चेक करते रहने से जल्दी डिस्चार्ज होती है बैटरी

कई बार सफर के दौरान बार-बार लोकेशन चेक करनी पड़ती है. इस कारण GPS चिप बार-बार एक्टिव होती है, जिससे बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होती है. लोकेशन चेक करने के दौरान GPS चिप को एडिशनल कंप्यूटिंग करनी पड़ती है और इसका सीधा असर बैटरी पर होता है.

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सटीक लोकेशन के लिए चाहिए ज्यादा बैटरी पावर

फोन को सटीक लोकेशन पता करने के लिए ज्यादा बैटरी पावर की खपत करनी पड़ती है. आप फोन पर जितनी एक्यूरेट लोकेशन देखना चाहेंगे, इसकी बैटरी उतना जल्दी डिस्चार्ज होगी. इसकी वजह है कि सटीक लोकेशन का पता लगाने के लिए फोन के GPS के साथ-साथ ब्लूटूथ, वाईफाई और मोबाइल नेटवर्क काम करते हैं. ये सारे मिलकर बैटरी की ज्यादा खपत करते हैं.

लोकेशन एक्सेस के कारण अवेक रहती हैं ऐप्स

अगर आपने किसी ऐप को हर समय के लिए लोकेशन Allow कर दी है तो इसका मतलब है कि यह ऐप बैकग्राउंड में भी एक्टिव रहेगी. यह ऐप यूज न होने पर भी लोकेशन को ट्रैक करती रहेगी. इससे सिस्टम स्लीप मोड पर नहीं जा पाता और लगातार बैटरी की खपत करते रहता है. बैटरी के साथ-साथ इसमें मोबाइल डेटा भी यूज होता है.

नेविगेशन ऐप्स यूज करती हैं एक्स्ट्रा डेटा

गूगल मैप्स जैसी नेविगेशन ऐप्स को काम करने के लिए एक्स्ट्रा डेटा की जरूरत पड़ती है. दरअसल, ये लोकेशन पता करने के लिए न सिर्फ GPS यूज करती हैं बल्कि ट्रैफिक इंफो के लिए लगातार सर्वर कम्युनिकेट करती रहती हैं. लाइव ट्रैफिक अपडेट, वॉइस गाइडेंस और सैटेलाइट व्यू आदि के लिए तो इन ऐप्स को और एक्स्ट्रा डेटा की जरूरत पड़ती है. 

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