ऐप्पल के आईफोन की आज दुनियाभर में डिमांड है. हर साल करोड़ों की संख्या में नए और पुराने आईफोन खरीदे-बेचे जाते हैं. सितंबर में जब ऐप्पल आईफोन की नई सीरीज लॉन्च करती है तो पूरे टेक जगत की इस पर नजर होती है. आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटीज के बीच इसका तगड़ा क्रेज है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईफोन की शुरुआत एक आईपैड प्रोजेक्ट पर काम करते हुए हुई थी. आज हम आपको आईफोन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं. 

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कैसे हुई आईफोन की शुरुआत?

बताया जाता है कि आईफोन पर विचार-विमर्श शुरू करने से पहले ऐप्पल एक स्मार्ट टैबलेट के कॉन्सेप्ट पर काम कर रही थी. 2010 में स्टीव जॉब्स ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कंपनी में एक ऐसी टैबलेट बनाने पर काम चल रहा था, जिसमें वर्चुअल कीबोर्ड मिलने वाला था. इसी दौरान इंजीनियरों ने एक डिवाइस बनाया, जिसमें मल्टी-टच फंक्शन थे. उसी समय जॉब्स ने सोचा कि इस टेक्नोलॉजी को फोन में देने की जरूरत है. फिर आईफोन बना और उसके बाद जो हुआ, वह पूरी दुनिया के सामने है.

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ऐप्पल के पास नहीं था आईफोन नाम का पेटेंट

ऐप्पल ने आईफोन डेवलप कर लिया, लेकिन इस नाम का पेटेंट उसके पास नहीं था. दरअसल, आईफोन की शुरुआत से पहले ही सिस्को ने आईफोन नाम को पेटेंट करवा लिया था. जब ऐप्पल ने इसे यूज किया तो दोनों कंपनियों के बीच इसे लेकर विवाद भी हुआ. बाद में आपसी समझौते से इस विवाद को सुलझा लिया गया. सिस्को ने VOIP फोन के लिए आईफोन नाम को पेटेंट करवाया था.

आईफोन ने बदल दी पूरी तस्वीर

ऐप्पल ने 2007 में जब आईफोन को लॉन्च किया तो इसी सिर्फ फोन के तौर पर नहीं देखा गया. इसने पूरी स्मार्टफोन मार्केट की तस्वीर बदल दी. उस साल टाइम मैग्जीन ने अपने कवर पेज पर आईफोन की फोटो छापी और इन्वेंशन ऑफ द ईयर बताया.

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