वायरलेस ईयरबड्स और हेडफोन का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. लोग इन गैजेट्स का इस्तेमाल मीटिंग, मेट्रो, बसों समेत सभी जगह कर रहे हैं. हियरेबल्स गैजेट्स के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए गूगल ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जिसकी मदद से आप Earbuds और Headphone के जरिए अपना हार्ट रेट जान पाएंगे. यानि गाने सुनने के साथ-साथ आप अपना हेल्थ स्टेटस भी जान पाएंगे. आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल के वैज्ञानिकों ने ऑडियोप्लेथिस्मोग्राफी (एपीजी) का सफल परिक्षण किया है. इसमें अल्ट्रासाउंड की मदद से हियरेबल्स के जरिए व्यक्ति का हार्ट रेट मापा जाता है. अच्छी बात ये है कि इसके लिए कोई भी एडिशनल सेंसर की जरूत नहीं पड़ती जिससे हियरेबल्स की बैटरी पर कोई असर नहीं पड़ता.


गूगल के वैज्ञानिकों ने 153 लोगों पर ये स्टीडी की और करीब 2 राउंड के बाद ये एक्सपीरियंस शेयर किया. स्टडी के मुताबिक, एपीजी लगातार सटीक हृदय गति (सभी गतिविधि परिदृश्यों में प्रतिभागियों में 3.21 प्रतिशत औसत त्रुटि) और हृदय गति परिवर्तनशीलता (अंतर-बीट अंतराल में 2.70 प्रतिशत औसत त्रुटि) माप प्राप्त करता है. यानि इसमें ज्यादा एरर नहीं है.


गूगल के ब्लॉगपोस्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि हमने एक लेटेस्ट एक्टिव इन-इयर हेल्थ सेंसिंग पद्धति पेश की है. APG अतिरिक्त सेंसर जोड़े बिना या बैटरी जीवन से समझौता किए बिना, ANC हियरेबल्स को यूजर्स के शारीरिक संकेतों, जैसे हृदय गति और हृदय गति परिवर्तनशीलता की निगरानी करने में सक्षम बनाता है. ऑडियोप्लेथिस्मोग्राफी सीमा से नीचे 80DB मार्जिन के साथ सुरक्षा नियमों का पालन करता है और ये सील की स्थिति से अप्रभावित रहता है  और इसमें सभी त्वचा टोन शामिल हैं.


एक सॉफ्टवेयर अपडेट से Earbuds और Headphone बताने लगेंगे हार्ट रेट 


ब्लॉगपोस्ट के मुताबिक, एपीजी एक साधारण सॉफ्टवेयर अपग्रेड के साथ किसी भी ट्रू वायरलेस स्टीरियो (TWS) एक्टिव नॉइज़ कैंसिलिंग हेडफोन को स्मार्ट सेंसिंग हेडफोन में बदल देता है और विभिन्न यूजर्स गतिविधियों में मजबूती से काम करता है. सेंसिंग कैरियर सिग्नल पूरी तरह से इनऑडिबल है और संगीत बजाने से प्रभावित नहीं होता है. 


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