Google AI Bard : ChatGPT के लॉन्च होने के बाद इसकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी. हर तरफ से सिर्फ एआई के कारनामों की खबरें सामने आ रही थी. चैट जीपीटी को गूगल के कंपीटीटर के तौर पर देखा जाने लगा था. फिर खबर आई कि गूगल भी अपना एआई लेकर आ चुकी है, जिसका नाम है बार्ड. हालांकि, बार्ड के लॉन्च होने के बाद, इसने कई आलोचनाओं का सामना किया. बार्ड उन कामों को आसानी से नहीं कर सका, जिन्हें करने में चैट जीपीटी सक्षम है. अब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि गूगल जल्द ही अधिक सक्षम एआई मॉडल लॉन्च करेगी.

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बार्ड चैटजीपीटी और बिंग के आगे नहीं सका टिक

बार्ड को 21 मार्च को आम पब्लिक के लिए रोलआउट किया गया था, लेकिन यह OpenAI के ChatGPT और Microsoft के बिंग चैटबॉट के सामने टिक नहीं पाया. अब बार्ड को लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने न्यूयॉर्क टाइम्स के हार्ड फोर्क पॉडकास्ट के दौरान कहा, "हमारे पास अधिक सक्षम मॉडल हैं. बहुत जल्द, हम बार्ड को अपने कुछ बेहतर पाथवेज लैंग्वेज मॉडल (PaLM) मॉडल में अपग्रेड करेंगे. इससे बेहतर क्षमताएं आयेंगी, जिससे यह रीजनिंग, कोडिंग और मैथ्स के सवालों का बेहतर जवाब दे पाएगा. ”

Bard लिमिटेड क्यों रहा?

पिचाई ने आगे कहा, "आप अगले सप्ताह से Bard में प्रोसेस देखेंगे. बार्ड की लिमिटेड क्षमताओं का कारण Google की सावधानी थी. हमने Bard को लिमिटेड रखा ताकि हम कन्फर्म हो सके कि यह जानता के लिए ठीक है और कंपनी इसे संभाल सकती है. उस सिचुएशन में अधिक सक्षम मॉडल न ही रखना जरूरी था." पिचाई ने यह भी कहा कि वह काम के बारे में गूगल के कॉ फाउंडर लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन से बात कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि AI आज के समय बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, इस वजह से उन्हें चिंता है कि कहीं यह  समाज के लिए खतरा न बन जाए. 

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पिचाई ने इस बात से भी इंकार कर दिया कि गूगल ने Bard को ट्रेन करने के लिए चैटजीपीटी के डाटा का सहारा लिया है. बता दें कि बार्ड भी OpenAI के ChatGPT और माइक्रोसॉफ्ट के बिंग चैटबॉट की तरह, एक बड़े भाषा मॉडल (LLM) पर बेस्ड है.

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