नई दिल्ली: प्रमुख टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का केंद्र से उस पर (वोडाफोन) 1,050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश करना मनमाना फैसला है. ट्राई ने ये सिफारिश रिलायंस जियो को इंटरकनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं कराने के लिए की है.


ट्राई ने वोडाफोन पर जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य 21 सभी सर्किल के लिए 50-50 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है. इस तरह जुर्माना राशि 1,050 करोड़ रुपये बैठती है.


न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं किया. ट्राई के वकील ने ट्राई के वोडाफोन को 27 सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद उठाए गए कदमों पर निर्देश लेने के लिए 19 दिसंबर तक का समय मांगा है.


वोडाफोन ने दावा किया कि ट्राई की अपनाई गई समूची प्रक्रिया मनमानी है. रिलायंस जियो ने अपनी पेशकश की घोषणा 5-6 सितंबर को की थी. उसने इंटरकनेक्शन लिंक के विस्तार के लिए 25 सितंबर को भुगतान किया. इसके बाद इंटरकनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 90 दिन का समय था.


वोडाफोन की ओर से उपस्थित वकील राजीव नायर ने दलील दी कि उसके पास जियो को कनेक्टिविटी देने के लिए दिसंबर अंत तक का समय था, लेकिन यह अवधि समाप्त होने से पहले ही 10,000 कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए. अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करेगी.