नई दिल्ली: भारत में सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की अगुवाई वाली सूचना प्रौद्योगिकी संसदीय समिति ने ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी को 25 फरवरी से पहले कमेटी के सामने पेश होने को कहा है. संसदीय समिति का ये आदेश उस वक्त आया जब 2 दिन पहले ट्विटर के बड़े अधिकारी कमेटी के सामने पेश होने से इंकार कर दिया था.

ट्विटर पर राइट विंग से जुड़ी आवाजों का आरोप लगा है. हालांकि ट्विटर ने इस तरह के किसी भी आरोप से इंकार किया है. ट्विटर का मुद्दा उस वक्त चर्चा में आया जब 3 फरवरी को करीब 20 लोगों ने इस संबंध में लोकसभा एमपी अनुराग ठाकुर को शिकायत की.

इससे पहले ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी समेत टॉप आफिशियल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर अगले हफ्ते संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. ट्विटर की ओर से 'शार्ट नोटिस' की अवधि का हवाला दिया था.

11 फरवरी को पेश होने को कहा था

ट्विटर ने समिति के समक्ष पेश नहीं हो पाने को लेकर एक पत्र लिखा है और कहा है कि अल्प अवधि में नोटिस मिलने के कारण यह मुमकिन नहीं है. वहीं कमेटी की ओर से ट्विटर के अधिकारियों को 11 फरवरी को 'राष्ट्रवादी' खातों के खिलाफ कथित पूर्वाग्रह को लेकर समिति के सामने पेश होने को कहा गया था.

समिति के सदस्यों ने ट्विटर के पत्र से नाखुशी जताई है और इसे 'गंभीर नहीं होना' बताया है. इस संसदीय समिति में 31 सदस्य हैं. समिति ने इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी सम्मन भेजा था.

ट्विटर ने शुक्रवार को कहा कि जिन उम्मीदवारों, पदाधिकारियों और संबंधित पार्टी अधिकारियों के खाते सार्वजनिक चर्चा के लिए एक्टिव हैं, उनके वेरिफिकेशन के लिए वह राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम कर रही है.