नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल जल्द ही नॉर्वे की टेलीकॉम कंपनी टेलीनॉर के इंडिया ऑपरेशन को खरीदने जा रही. माना जा रहा है कि एयरटेल का ये कदम रिलायंस जियो को कड़ी टक्कर देने के लिए उठाया जा रहा है. कंपनी के एक बयान के अनुसार भारती एयरटेल टेलीनॉर इंडिया को सात सर्कल में खरीदेगी. इन सर्कल्स में आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश (पश्चिम), उत्तर प्रदेश (पूर्व) और असम शामिल हैं. भारत में टेलीकॉम की कुल 19 सर्कल्स हैं.


इस बड़े कदम के बाद एयरटेल इन सात सर्कल्स में अपनी रेंज को काफी बढ़ा सकती है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये डील 7000 हजार करोड़ रुपए में हो सकती है. टेलीनॉर खरीद के बाद एयरटेल का दायारा देश में काफी बढ़ जाएगा जिसकी वहज से ग्राहकों को सीधा फायदा होगा. इस बड़ी डील के बाद एयरटेल को 1800 मेगाहर्ट्ज में 43.4 मेगाहर्ट्ज एडिशनल स्‍पेक्‍ट्रम भी मिलेगा.


एयरटेल की तरफ से कहा गया, ‘टेलीनॉर साउथ एशिया इनवेस्टमेंट्स प्रा. लिमिटेड के साथ टेलीनॉर इंडिया कम्युनिकेशंस प्रा. लिमिटेड के विलय का पक्का समझौता हुआ है.’ टेलीनॉर ने भी इस समझौते की पुष्टि की है और कहा है इस सौदे के एक साल में पूरा होने की उम्मीद है.


एयरटेल देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है. उसके करीब 29 करोड़ ग्राहक हैं और दूरसंचार क्षेत्र के 33 प्रतिशत बाजार पर उसका कब्जा है. अधिग्रहण के बाद टेलीनॉर इंडिया के स्पेक्ट्रम, लाइसेंस, संचालन और कर्मचारियों के साथ ही 4.40 करोड़ ग्राहक भी उसके साथ जुड़ जायेंगे. कंपनी ने कहा है कि जब तक सौदा पूरा नहीं होता है तब तक टेलीनॉर इंडिया का संचालन और सेवायें सामान्य तरीके से काम करती रहेंगी.


भारतीय एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा कि इस अधिग्रहण के जरिये मिलने वाले स्पेक्ट्रम से एयरटेल के स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो का और विस्तार होगा. टेलीनॉर समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिगवे ब्रेके ने समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘हमारे भारतीय कारोबार के लिए समाधान की तलाश करना हमारी प्राथमिकता में था और एयरटेल के साथ हमारे समझौते को लेकर हम प्रसन्न हैं. भारत से निकलने का हमारा निर्णय हल्के फुल्के ढ़ंग से नहीं लिया गया बल्कि इसके लिये काफी सोचा समझा गया है ’


टेलीनॉर ने वर्ष 2008 में भारतीय बाजार में कदम रखने की घोषणा की थी. कंपनी ने कहा है कि वर्ष 2017 की पहली तिमाही से टेलीनॉर इंडिया को बिक्री वाली संपत्ति के तौर पर माना जायेगा और टेलीनॉर समूह की वित्तीय रिपोर्टिंग में इसे शामिल नहीं किया जायेगा.