साइबर स्कैम के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. स्कैमर्स अलग-अलग तरह से लोगों को टारगेट कर रहे हैं. हाल ही में आपने सिम फ्रॉड से जुड़े कई मामले हमारे माध्यम से पढ़े और देखें होंगे. इस डिजिटल युग में जितना इम्पोर्टेन्ट हमारा डेटा है, उतना ही महत्वपूर्ण मोबाइल नंबर भी है. आजकल हर एक्शन को पूरा करने के लिए मोबाइल नंबर की जरूरत होती है क्योकि इसी में कन्फर्मेशन मैसेज आता है. बैंक, आधार, कॉलेज, ऑफिस, पीएफ आदि सभी के लिए मोबाइल पर ऑथेंटिकेशन मैसेज आता है. ऐसे में अगर हमारा मोबाइल नंबर किसी को मिल जाए या फोन कोई चुरा ले तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं.


DOT इस तरह स्कैम्स पर लगाएगी लगाम 


दरअसल, DOT एक ऐसे AI प्लेटफार्म को तैयार कर रहा है जहां से बैंक्स और आधार एजेंसी को उन नंबर की जानकारी मिलेगी जो डिस्कनेक्टेड हैं. यानि यूज में नहीं हैं. इससे होगा ये कि डिस्कनेक्टेड नंबर के जरिए कोई फ्रॉड को अंजाम नहीं दे पाएगा. दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने एआई शिखर सम्मेलन में कहा कि प्लेटफॉर्म को दूरसंचार कंपनियों के डेटा के साथ विकसित किया जा रहा है और एआई का उपयोग उन कनेक्शनों या मोबाइल नंबरों को हटाने के लिए किया जाएगा जो अब सक्रिय नहीं हैं. 


फर्जी आईडी से खरीदे गए सिम को तुरंत पहचान लेगा AI 


नीरज मित्तल ने कहा कि एआई का उपयोग लाइसेंसिंग शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करने, बिक्री के बिंदु पर धोखाधड़ी की संभावना को दूर करने और ये सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र डिजिटल सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में विश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि DOT ने धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करने के लिए टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन जैसी पहल शुरू की है.


 बता दें, ASTR में AI की मदद से KYC डॉक्युमेंट की जांच की जाती है. अगर किसी ने डुप्लीकेट डॉक्युमेंट यूज किए हैं तो AI इन्हें पकड़ लेता है और फिर नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है. 


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