डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने बीते दिन शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की है. दरअसल, कई यूजर्स को DOT के नाम से एक कॉल प्राप्त हो रहा था जिसमें उनसे 2 घंटे के भीतर सिम कार्ड बंद होने की बात कही जा रही थी. इससे बचने के लिए लोगों से कई तरह की डिटेल्स मांगी जा रही थी. इस विषय में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने एक एडवाइजरी जारी की है और लोगों को बताया कि ये एक फेक कॉल है. यानी ऐसी कोई भी कॉल DOT की तरफ से नहीं की जा रही है. दूरसंचार विभाग में ऐसी कॉल आते ही तुरंत इसे काटने और कोई भी निजी डिटेल कॉल पर शेयर न करने की अपील की है.


नंबर को जरूर करें रिपोर्ट 


बता दें,  डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन भारत में टेलीकॉम सर्विसेज को गवर्न करता है. इसी बात का फायदा उठाकर स्कैमर्स फेक कॉल कर लोगों को टारगेट कर रहे हैं. यदि आपको भी इस तरह का कोई कॉल आता है जिसमें DOT का अधिकारी होने का दावा किया जाता है तो आप फौरन कॉल को काट दें और नंबर को ब्लॉक कर दें. इसके साथ ही नंबर को रिपोर्ट भी करें ताकि जब किसी दूसरे व्यक्ति पर ये कॉल जाए तो उन्हें पहले ही पता लग जाए कि यह नंबर स्पैम से जुड़ा हुआ है. ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स आपको नंबर को रिपोर्ट करने के साथ-साथ स्कैम टाइप को डिस्क्राइब करने का ऑप्शन भी देते हैं.


आप चाहे तो नंबर को नैशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी रिपोर्ट कर सकते हैं.


Jio और Oneweb को मिला ISP लाइसेंस


DOT ने बुधवार को वनवेब को ISP A (राष्ट्रीय क्षेत्र) के साथ-साथ VSAT (वेरी स्मॉल एपर्चर टर्मिनल) लाइसेंस आवंटित किया. अधिकारियों ने बताया कि Jio सैटेलाइट को पिछले महीने ISP लाइसेंस मिला चुका है. जिन लोगों को नहीं पता कि VSAT क्या है तो दरअसल, वीसैट एक उपकरण है जिसमें एंटीना होता है जिसका डायमीटर आमतौर पर लगभग एक मीटर होता है. VSAT डेटा, वॉइस और वीडियो सिग्नल संचारित/प्राप्त करने में सक्षम है. इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग/एटीएम मशीन कनेक्टिविटी के लिए किया जाता है. VSAT का उपयोग अक्सर सेलुलर मोबाइल सेवाओं के लिए बैकहॉल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए किया जाता है.


दोनों कंपनियां अब भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट जल्द प्रदान करेंगी. जियो और वनवेब को पहले ही GMPCS लाइसेंस मिल चुका है.


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