Google Account Safety: मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर और इंटरनेट की इस दुनिया में लोगों के लिए जितनी सुविधाएं बढ़ी हैं, उतनी ही मुश्किलें भी बढ़ी हैं. ऑनलाइन यूजर्स की सबसे बड़ी मुश्किल और समस्या साइबर क्राइम से बचकर रहना होता है. साइबर क्रिमिनल्स रोज़ाना इंटरनेट यूजर्स की प्राइवेसी को हैक करने का तरीका ढूंढते रहते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है.


साइबर क्रिमिनल्स ने एक ऐसा तरीका ढूंढा है, जिसकी मदद से वो किसी भी यूजर्स के गूगल अकाउंट का एक्सेस बिना पासवर्ड के भी पा सकते हैं. यहां तक कि अगर यूजर्स अपने गूगल अकाउंट का पासवर्ड रीसेट भी कर देंगे तब भी हैकर्स यूजर्स के गूगल अकाउंट का यूज करने में सक्षम होंगे. 


कैसे किसी का गूगल अकाउंट यूज करते हैं हैकर्स?


यह किसी भी यूजर के लिए एक बहुत बड़े खतरे वाली बात है, क्योंकि आजकल के आधुनिक युग में ज्यादातर लोगों को सभी पर्सनल डाटा, और पासवर्ड गूगल अकाउंट में सेव होते हैं. ऐसे में अगर हैकर्स ने बिना पासवर्ड के ही हैक करके लोगों के गूगल अकाउंट यूज करने शुरू कर दिए, तो पूरी दुनिया की प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है. द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने साइबर क्राइम के इस नए तरीके का विश्लेषण किया है. इसके अलावा, यह मसला पहली बार तब सामने आया जब एक हैकर ने अक्टूबर 2023 में टेलीग्राम चैनल पर इसके बारे में पोस्ट किया।


द इंडिपेंडेंट में अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि कैसे थर्ड पार्टी कुकीज़ में गड़बड़ी के कारण यूजर्स के गूगल अकाउंट का एक्सेस हैकर्स को मिल सकता है. बता दें कि, थर्ड पार्टी कुकीज़ का इस्तेमाल वेबसाइट और ब्राउज़र्स के द्वारा यूजर्स को ट्रैक करने और उनकी जरूरत के अनुसार विज्ञापन दिखाने के लिए किया जाता है, लेकिन अब यही थर्ड पारी कुकीज़ यूजर्स के लिए खतरा बन रही है.


गूगल ने क्या कहा?


इसके अलावा गूगल कुकीज़ की मदद से यूजर्स के पासवर्ड को सेव करके रखता है ताकि उन्हें अगली बार लॉगिन करने के लिए दोबारा पासवर्ड डालने की जरूरत ना पड़े. लेकिन हैकर्स ने टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को बायपास करने का तरीका ढूंढ लिया है.


CloudSEK के ब्लॉगपोस्ट में कहा गया है, साइबर क्राइम के इस नए तरीके बदौलत हैकर्स यूजर्स द्वारा गूगल अकाउंट का पासवर्ड रिसेट करने के बाद भी उनके गूगल अकाउंट को यूज करने में सक्षम होंगे. यह रिपोर्ट साइबर वर्ल्ड में आने वाले बड़े खतरे और गूगल की तकनीकी कमज़ोरियों दोनों को अलर्ट कर रही है.


हालांकि, गूगल ने अपने बयान में कहा है कि, वह ऐसे साइबर खतरों से बचने के लिए अपने सिक्योरिटी सिस्टम को लगातार अपग्रेड कर रहे हैं, और यूजर्स के मज़बूत सिक्योरिटी के लिए नई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. आपको बता दें कि गूगल ने क्रोम ब्राउज़र के लिए थर्ड पार्टी कुकीज़ को ब्लॉक करने का भी ऐलान किया है, जिसका फायदा आने वाले कुछ दिनों में सभी यूजर्स को मिलना शुरू हो सकता है. 


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