भारत में कोविड-19 के संपर्क में आने से बचाने वाली आरोग्य सेतु एप का 10 करोड़ भारतीय इस्तेमाल कर रहे हैं. यह एप 2 अप्रैल को लॉन्च हुआ था. एप के पहले 13 दिन में ही 5 करोड़ यूजर्स हो गए थे. इसके यूजर्स ने बहुत ही कम समय में दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाली डाउनलोड एप बना दिया है. आरोग्य सेतु मोबाइल के ब्लूटूथ और जीपीएस कनेक्टिविटी के जरिए कोविड-19 से संक्रमित लोगों को ढूंढने में मदद करता है.


एप के माध्यम से यूजर्स पता लगा सकते हैं कि वह किसी कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं. यह एप यूजर्स को उनके लक्षणों का स्व-मूल्यांकन करने की अनुमति देता है. जबसे एप लॉन्च हुई है, तबसे इसमें कई अपडेट हो रहे हैं. अपडेशन के बाद इस एप के जरिए ई-पास के लिए अप्लाई करने का भी विकल्प दिया गया है. अगर किसी को लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने की आवश्यकता है, तो वह आरोग्य सेतु एप से आसानी से ई-पास के लिए अप्लाई कर सकता है.


रेलवे ने यात्रियों के लिए किया अनिवार्य


यह एप सभी सरकारी और प्राइवेट कर्माचारियों के अनिवार्य है. रेलवे मंत्रालय ने आज सुबह घोषणा की है कि स्पेशल ट्रेन सेवा के जरिए जाने वाले लोगों के मोबाइल में अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु एप होना चाहिए. यह नियम उन सभी यात्रियों पर लागू हो सकता है, जो लॉकडाउन के बाद भी ट्रेन से यात्रा करने वाले हैं. हाल ही में नोएडा पुलिस ने घोषणा की थी कि वे सड़क पर आने-जाने वाले लोगों की रैंडम जांच करेंगे, ताकि यह पता चल सके कि उनके फोन पर आरोग्य सेतु एप है या नहीं. अगर किसी को बिना एप के पाया जाता है, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.


फीचर फोन में भी होगा एप


हालांकि, आरोग्य सेतु एप का मतबल है सिर्फ स्मार्टफोन. यानी एप सिर्फ स्मार्टफोन पर ही चलता है. अब इसे फीचर फोन वाले यूजर्स के लिए बनाने की तैयारी चल रही है. सरकार इसे लेकर जियो फोन पर काम कर रही है और टोल-फ्री आईवीआरएस सुविधा के माध्यम से फीचर फोन लाएगी.