UIDAI New Update: कई वर्षों से जहां भी पहचान देने की बात आती थी आधार की फोटोकॉपी देना आम बात बन चुकी थी. होटल्स, मोबाइल स्टोर्स, ऑफिस, इवेंट लगभग हर जगह लोग आधार की कॉपी मांग लेते थे. यह प्रक्रिया इतनी सामान्य हो गई थी कि किसी टिकट दिखाने जैसी ही लगती थी. लेकिन अब यह पुरानी आदत खत्म होने वाली है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, UIDAI एक नया नियम तैयार कर रहा है जिसके बाद आधार की फिजिकल फोटोकॉपी लेना और उसे स्टोर करना बंद हो जाएगा. यह बदलाव देश भर में पहचान वेरीफाई की पूरी व्यवस्था को बदल सकता है.

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फोटोकॉपी बैन का असली कारण

आधार नंबर बेहद संवेदनशील जानकारी है और इसकी लाखों फोटोकॉपी अलग-अलग जगहों पर बिना सुरक्षा के पड़ी रहती हैं किसी होटल की दराज में, किसी स्टोर के फाइल कैबिनेट में या किसी ऑफिस के स्टोरेज रूम में. इतने बड़े पैमाने पर कागज पर पड़ी ये कॉपियां प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा हैं.

UIDAI का उद्देश्य है कि ऐसी ढीली-ढाली व्यवस्था खत्म हो और आपकी निजी जानकारी गलत हाथों में न जाए. इसलिए अब पेपर कॉपी पर भरोसा छोड़कर डिजिटल, सुरक्षित और तेज़ वेरिफिकेशन पर ध्यान दिया जा रहा है.

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अब पहचान होगी QR कोड से

हर आधार कार्ड पर मौजूद छोटा सा QR कोड असली गेम-चेंजर है. इस कोड में आपकी बुनियादी और एन्क्रिप्टेड जानकारी होती है जिसे स्कैन कर पहचान तुरंत सत्यापित की जा सकती है, वह भी बिना आपका पूरा आधार नंबर दिखाए.

यह तरीका न केवल सुरक्षित है बल्कि फोटोकॉपी की तरह दुरुपयोग होने की संभावना भी नहीं रहती. UIDAI एक ऐसा ऐप भी विकसित कर रहा है जिसकी मदद से व्यवसाय बिना इंटरनेट या डेटाबेस कनेक्शन के भी आधार वेरिफाई कर सकेंगे. यानी होटल चेक-इन भी सिर्फ एक स्कैन से पूरा हो जाएगा.

UIDAI में करना होगा रजिस्ट्रेशन

अब जो भी संस्था आधार वेरिफिकेशन करना चाहती है चाहे वह होटल हो, टेलीकॉम कंपनी, बैंक या इवेंट ऑर्गनाइजर उन्हें UIDAI में रजिस्टर होना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद ही वे नए QR-आधारित टूल्स का इस्तेमाल कर पाएंगे. इससे देशभर में पहचान सत्यापन की प्रक्रिया एकसमान, सुरक्षित और ट्रैक करने योग्य हो जाएगी.

नियम जल्द होगा लागू

UIDAI के सीईओ के मुताबिक नया नियम मंज़ूर हो चुका है और जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. यह साफ संकेत है कि पहचान सत्यापन का पुराना तरीका अब खत्म होने वाला है. यूजर्स के लिए इसका मतलब है कम कागज़, कम जोखिम, और ज्यादा सुरक्षा. वहीं संस्थानों के लिए यह एक आधुनिक और विश्वसनीय सिस्टम का हिस्सा बनने का मौका है.

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