अमेरिका के बाद अब मेक्सिको ने भी भारत को बड़ा झटका दिया है. मेक्सिको की संसद ने एक नए विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत भारत, चीन, ब्राजील सहित कई देशों से आयातित वस्तुओं पर 5% से 50% तक का भारी टैरिफ लगाया जाएगा. यह कानून उन देशों पर लागू होगा जिनके साथ मेक्सिको का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) नहीं है—जिसमें भारत भी शामिल है. यह नया शुल्क ढांचा 1 जनवरी 2026 से लागू होगा.
मेक्सिको संसद ने पास किया हाई-टैरिफ बिलमेक्सिको की संसद के दोनों सदनों- सीनेट और निचले सदन ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति क्लॉडिया शीनबाम ने इसे सितंबर में पेश किया था, जिसमें 1,463 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव था.
कौन–कौन से उत्पाद होंगे महंगे? इस कानून में जिन क्षेत्रों पर शुल्क बढ़ाया गया है, उनमें शामिल हैं:
- वाहन कलपुर्जे
- हल्के वाहन
- प्लास्टिक उत्पाद
- खिलौने
- वस्त्र व परिधान
- फर्नीचर
- जूते
- रेडीमेड कपड़े
- एल्यूमिनियम उत्पाद
- कांच से बने सामान
इन सभी श्रेणियों पर 5% से लेकर 50% तक टैरिफ लगाया जा सकता है.
भारत पर असर क्यों?मेक्सिको के साथ भारत का कोई FTA नहीं है, इसलिए यह कानून सीधे भारतीय निर्यात पर लागू होगा. वर्ष 2023 में भारत मेक्सिको का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, और दोनों देशों का कुल द्विपक्षीय व्यापार 10.58 अरब डॉलर रहा. यानी भारत से भेजे जाने वाले कई उत्पाद अब मेक्सिको में महंगे हो जाएंगे, जिससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ सकता है.
चीन पर सबसे बड़ा प्रभाव, लेकिन भारत भी प्रभावितसरकार का अनुमान है कि इस कदम से मेक्सिको को हर साल 3.8 अरब डॉलर की अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. हालांकि सबसे बड़ा असर चीन के निर्यात पर पड़ेगा, लेकिन भारत भी उन प्रमुख देशों में शामिल है जिन्हें इस नए कानून की मार झेलनी पड़ेगी.
अमेरिका ने भी उठाया था ऐसा ही कदमइससे पहले अगस्त में अमेरिका ने भारत से आयातित कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 50% कर दिया था. अब मेक्सिको के निर्णय के बाद भारतीय व्यापार पर दबाव और बढ़ सकता है.