UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 16 अप्रैल से ‘बालवाटिका अभियान’ की शुरुआत करने जा रही है. यह अभियान 29 अप्रैल तक चलेगा और इसका उद्देश्य प्रदेश के को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों को बालवाटिका के रूप में विकसित कर पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सशक्त बनाना है. "सुनहरी शुरुआत बालवाटिका के साथ" नाम से चलाया जा रहा यह अभियान न केवल बच्चों की शिक्षा की नींव को मजबूत करेगा, बल्कि समुदाय को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से जोड़ेगा.
अभियान का उद्देश्य
- सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना.
- 3-6 वर्ष के बच्चों को बालवाटिका (को-लोकेटेड आंगनबाड़ी) भेजने के लिए माता-पिता और समुदाय को प्रेरित किया जाना.
- 5-6 वर्ष के बच्चों को स्कूल की कक्षा-1 के लिए तैयार करना.
- सभी 3 से 6 आयुवर्ग के बच्चों को बालवाटिका से जोड़ा जाना.
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ये गतिविधियां होंगी आयोजित16-17 अप्रैल को जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में प्राथमिक स्तर के बच्चों के समर्थन से एक प्रभात फेरी/रैली का आयोजन. 18 से 21 अप्रैल को अभियान के उद्देश्य और प्रमुख संदेशों को उजागर करते हुए एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन. 22 से 23 अप्रैल को उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए समुदाय के मध्य रोल प्ले/नाटक का आयोजन, जिसमें बच्चों के लिए रोचक कहानियों का आयोजन, कठपुतली शो और बच्चों को खुद कहानी सुनाने या अभिनय करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
24 से 25 अप्रैल को 3-6 वर्ष के बच्चों की उपस्थिति में अभिभावकों के साथ रंगोली, नृत्य, संगीत, गीत, कविताएं, चित्र, पेपर की सहायता एवं क्ले या मिट्टी से कुछ बनाने की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. 28 से 29 अप्रैल के मध्य पीटीएम, एसएमसी मीटिंग के माध्यम से अभियान के उद्देश्यों पर चर्चा होगी.
बता दें को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय विद्यालयों में ही संचालित होते हैं. ये केंद्र बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य देखभाल भी प्रदान करते हैं. यह केंद्र बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता भी प्राप्त करते हैं.