Lucknow News: उत्तर प्रदेश अब सिर्फ खेती या पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगा. योगी सरकार ने राज्य को डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने के लिए “उत्तर प्रदेश वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) नीति 2024” लागू कर दी है. इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में आईटी, वित्त, मानव संसाधन और ग्राहक सहायता जैसे क्षेत्रों में वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) की स्थापना को बढ़ावा देना है.

गौरतलब है कि जीसीसी यानी Global Capability Centers वे संगठन होते हैं, जो दुनिया की बड़ी कंपनियों के लिए डाटा एनालिसिस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D), अकाउंटिंग, इंजीनियरिंग सपोर्ट और कस्टमर केयर जैसे तकनीकी काम भारत जैसे देशों से करते हैं. अभी देश में 16 लाख से ज्यादा लोग जीसीसी में काम कर रहे हैं.

GCC की स्थापना सरकार के लिए साबित होगी बड़ा साधनयोगी सरकार का मानना है कि प्रदेश में जीसीसी की स्थापना से न सिर्फ आईटी और परामर्श क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह नीति नौकरी देने का एक बड़ा साधन भी साबित होगी. खास बात यह है कि ये केंद्र टियर-2 और टियर-3 शहरों जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, झांसी, बरेली, शाहजहांपुर जैसे इलाकों में भी खोले जाएंगे. इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों की आमदनी में फर्क कम होगा और संतुलित विकास को बल मिलेगा.

राज्य सरकार के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में ₹5.31 लाख करोड़ का निवेश केवल आधारभूत संरचना (infrastructure) पर किया गया है. यह देश में किसी भी राज्य द्वारा किया गया सबसे बड़ा पूंजीगत निवेश है. इससे साबित होता है कि यूपी निवेश के लिए तैयार है.

भारत में इस समय सबसे ज्यादा जीसीसी सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी सेक्टर (38%) में हैं, इसके बाद BFSI यानी बैंकिंग, वित्त और बीमा, टेलीकॉम, ऑटो, फार्मा, रसायन, सेमीकंडक्टर और मेडिकल उपकरण जैसे क्षेत्रों में भी इनकी मजबूत उपस्थिति है.

सरकार निवेशकों को देगी संसाधनों की मददनीति के तहत सरकार निजी निवेशकों को सहयोग, ज़मीन, नेटवर्क, बिजली, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा जैसे जरूरी संसाधन देने में मदद करेगी. इससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और उन्हें महानगरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा.

भारत में बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और नोएडा जैसे शहर पहले से ही जीसीसी के हब बन चुके हैं. इन शहरों में माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, डेलॉइट, एचपी, सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर चल रहे हैं. अब उत्तर प्रदेश भी इस दौड़ में शामिल हो गया है. नीति का उद्देश्य यही है कि आने वाले समय में यूपी देश का अगला जीसीसी हब बने और लाखों युवाओं को घर के पास ही रोजगार मिले. सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश को डिजिटल इंडिया मिशन में बड़ी भूमिका निभाने वाला राज्य बना सकता है.

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