यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण गौतमबुद्ध नगर जिले के कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जेवर और रबूपुरा क्षेत्र में पांच स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले के लिए भी दिल्ली का पुराना रेलवे पुल यमुना नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है. इसके माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के अधिकारी आपस में समन्वय बनाए रखते हैं.
सोमवार दोपहर को यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.55 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है, और तब से जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.
अधिकारियों के अनुसार, गौतमबुद्ध नगर जिले में यमुना नदी से सटे गांव जैसे फलैदा खादर, करौली बांगर, मेहंदीपुर, सिरौली बांगर, पलाहका और बेगमाबाद आदि के पास नदी का पानी खेतों की ओर बढ़ने लगा है.
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में - तहसीलदार
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जेवर के तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान ने बताया, 'सभी बाढ़ चौकियां और नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं. जेवर में पांच स्थानों- प्राथमिक विद्यालय नेवला, प्राथमिक विद्यालय झुप्पा, शिव मंदिर भाईपुर ब्रह्मनान, उच्च प्राथमिक विद्यालय फलैदा बांगर और जनता इंटर कॉलेज जेवर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं.'
उन्होंने कहा, 'फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.'
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, वर्तमान में हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 38,361 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और वजीराबाद बैराज से हर घंटे 68,230 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.