UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपने दिन और रात एक किए हुए हैं लेकिन इतनी गहमागहमी के बीच भी अखिलेश के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे चाचा शिवपाल यादव के दफ्तर पर ताला लटक गया है. बुधवार को इटावा में शिवपाल की पार्टी प्रसपा के कार्यालय के बाहर ताला दिखाई दिया. ये ताला जिलाध्यक्ष सुनील यादव के इस्तीफे के बाद लटका है. ऐसे समय में अन्दर खेमे में बीजेपी को वॉक ओवर देने की बात हो रही है.


शिवपाल के दफ्तर में क्यों लगा ताला


दरअसल, बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुनील यादव ने पार्टी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सुनील यादव ने इसकी वजह व्यक्तिगत कारण बताए थे. लेकिन सपा एवं प्रसपा गठबंधन में जिस तरह शिवपाल सिंह की पार्टी को मात्र प्रदेश भर में 1 जसवंत नगर सीट दी गई है उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी और मायूसी छाई हुई है. सुनील यादव के इस्तीफे के बाद गुरुवार सुबह जब पार्टी के कार्यकर्ता दफ्तर पहुंचे तो गेट बंद देखकर वो भी हैरान रह गए.


ताला देख हैरान हुए पार्टी कार्यकर्ता


चुनाव से पहले जब शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो गया है ऐसे वक्त पार्टी में इटावा सदर सीट पर गठबंधन के सपा प्रत्याशी सर्वेश शाक्य को जिताने के लिए रणनीति बननी चाहिए, लेकिन पार्टी के तो गेट ही बंद हो गए. दफ्तर में लगे ताले को लेकर एबीपी गंगा से बात करते हुए प्रसपा के प्रदेश सचिव एवं कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव के समय जिस तरह से ज़िलाध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है वो उनकी ओछी मानसिकिता को दिखा रहा है. एक कार्यकर्ता ने कहा कि जिलाध्यक्ष राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुए हैं. लेकिन हम लोग शिवपाल सिंह के निर्णय और त्याग के साथ है. हमारे नेता को सीटें भले ही न मिली हों लेकिन हम उनके साथ है और गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने का काम करेंगे.


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