Kaushambi Viral Fever: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradeh) के कौशांबी (Kaushambi) जिले में वायरल फीवर (Viral Fever) धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है. वायरल बुखार बच्चों में तेजी से फैल रहा है. हालांकि, जिले में अभी तक वायरल फीवर जानलेवा नहीं साबित हुआ है. लेकिन, समय रहते बच्चों का बेहतर इलाज ना किया गया तो कुछ भी हो सकता है. मंझनपुर मुख्यालय (Manjhanpur Headquarters) के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भी छात्राओं के बीमार होने की जानकारी वार्डेन ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को दी है. जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम विद्यालय पहुंची. छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गयासीएमओ कमल चंद्र राय ने बताया कि मडिकल टीम ने यहां 62 छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया. जिनमें से 17 छात्राएं बीमार मिलीं. डॉक्टरों की टीम ने सभी को दवा वितरित की है. इसके अलावा बीमार छात्राओं का आरटीपीसीआर सैंपल जांच के लिए प्रयागराज लैब भेजा गया है. सीएमओ ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं के बीमार होने की जानकारी मिली तो पीएचसी मंझनपुर से डॉक्टरों की टीम भेजी गई. टीम ने बच्चों की जांच की है, 17 बच्चे बीमार मिले हैं, 7 बच्चे बुखार से पीड़ित थे. टीम ने सभी को दवाई दी है. साथ ही टीम ने डाउटफुल 20 बच्चों की एंटीजन जांच की है.
अलग कक्ष में रखने की सलाह दी गईमंझनपुर मुख्यालय के कलेक्ट्रेट के पास कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में रहने वाली छात्राएं कई दिनों से बीमार चल रही थीं. कॉलेज की वार्डेन मुदिता ने बच्चों के बीमार होने की जानकारी स्वाथ्य विभाग को दी. जानकारी मिलते ही मंझनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आरबीएसके टीम विद्यालय पहुंची और स्वास्थ्य कैंप लगाया. कैंप में डॉक्टरों की टीम ने 62 छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान 17 छात्राएं बुखार, सर्दी, और खांसी से पीड़ित मिलीं. बीमार छात्राओं को डॉक्टरों ने अलग कक्ष में रखने की सलाह दी है. इलाज करने के साथ ही रोगों से बचाव के लिए भी जागरूक किया गया है.
बीमारी बढ़ने का है खतराबारिश होने के कारण विद्यालय परिसर में जलजमाव की स्थिति है, जिससे बीमारी बढ़ने का खतरा बना हुआ है. विद्यालय के पिछले हिस्से में भी गंदगी फैली हुई है. विद्यालय की वार्डेन ने कैमरे पर आए बिना ही बताया कि कुछ दिन पहले ही नगर पालिका के कर्मचारी आए थे. बारिश होने के चलते मिट्टी गीली थी, जिसके चलते थोड़ी बहुत ही साफ-सफाई हो सकी. रोड से नीचे होने के कारण यहां पर बारिश का पानी भर जाता है. कई ट्रैक्टर मिट्टी डाली गई है, इसके बाद भी जल निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. वार्डेन ने बताया कि यदि समय रहते समस्या से निजात नहीं मिली तो संक्रामक बीमारी और भी तेज गति से बढ़ सकती है.
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