पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया मंचों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के चलते भारत-नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है. नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे उग्र प्रदर्शनों के मद्देनजर भारत ने सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है.

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बॉर्डर पर एसएसबी के साथ पैरा मिलिट्री फ़ोर्स तैनात कर दी गयी है. दोनों तरफ से आवाजाही रोक दी गयी है. भारतीय नागरिकों को नेपाल जाने से रोका जा रहा है.

सात जिलों में कड़ी सुरक्षा

नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों को उच्च स्तर की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

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बलरामपुर जिले में एसएसबी की 22 चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है, और सीमा से सटे पांच थाना क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है.

बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने बताया कि नेपाल में लगातार दूसरे दिन चल रहे प्रदर्शनों के कारण सीमा सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है.

महराजगंज के एसपी सौमेन्द्र मीणा ने कहा कि सोनौली बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी है, और संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. नेपाल के बेलहिया में प्रदर्शनकारियों द्वारा भंसार कार्यालय में आगजनी की घटना के बाद सोनौली सीमा पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है.

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन और सोशल मीडिया प्रतिबंध

नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. प्रदर्शनकारियों ने नेपालगंज और बेलहिया में उग्र प्रदर्शन किए, जिसमें भंसार कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार, सोशल मीडिया प्रतिबंध के कारण भारत में रहने वाले रिश्तेदारों से संपर्क करने में परेशानी हुई.

हालांकि हिंसक आंदोलनों के दबाव में नेपाल सरकार ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया, जिसके बाद मंगलवार सुबह से अधिकांश मंच फिर से काम करने लगे. फिर भी, नेपाल में अशांति का माहौल बना हुआ है, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया है.

सीमा पर आवागमन प्रभावित

नेपाल में अशांति के कारण भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सोनौली बॉर्डर पर भारतीय पर्यटकों और वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. गोरखपुर से सोनौली जाने वाली बसों में यात्रियों की संख्या में 30-50% की कमी आई है. यूपीएसआरटीसी के परिचालकों ने बताया कि बसें अब लगभग खाली चल रही हैं. नेपाल दर्शन टूर एंड ट्रैवल्स के संदीप जायसवाल ने कहा कि कई ग्राहकों ने अपनी नेपाल यात्राएं रद्द कर दी हैं.

लखीमपुर खीरी के एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है.

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों ने सोशल मीडिया प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई. रनियापुर के अधिवक्ता अहमद ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए रिश्तेदारों से संपर्क आसान था, लेकिन प्रतिबंध के कारण समस्याएं बढ़ गई थीं. गैसड़ी के विधायक राकेश यादव ने बताया कि प्रतिबंध हटने से लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन अशांति के कारण चिंता बनी हुई है.

सीमा पर बढ़ाई गई निगरानी

श्रावस्ती और बहराइच में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त गश्त बढ़ा दी गई है. पुलिस उपाधीक्षक प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि विशेष परिस्थितियों में ही लोगों को सीमा पार करने की अनुमति दी जा रही है. एसएसबी 42वीं वाहिनी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने कहा कि सीमा पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में आधा हो गया है, और लोगों को अनावश्यक नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है.

पीलीभीत में स्थिति सामान्य बताई जा रही है. एसएसबी कमांडेंट शेर सिंह ने कहा कि महेंद्र नगर और धनगढ़ी में कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा है, और सीमा पर शांति बनी हुई है.

प्रशासन की सतर्कता

महराजगंज के जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सोनौली बॉर्डर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. श्रावस्ती के एसपी राहुल भाटी और बहराइच के अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि सभी विभागों के साथ तालमेल बनाकर सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है.