Varanasi News: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद के चुनाव में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. खेल मंत्रालय ने WFI चुनाव को ही रद्द कर दिया है. जिसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह निलंबित हो गए. वाराणसी के रहने वाले संजय सिंह, बृजभूषण शरण सिंह के बेहद करीबी बताए जाते हैं. चुनाव बर्खास्तगी और संजय सिंह के निलंबन के बाद भी वाराणसी में उनके समर्थको के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी जा रही. संजय सिंह कल वाराणसी पहुंच रहे हैं.


21 दिसंबर को हुए भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में संजय सिंह ने 40 वोटों से जीत हासिल की थी.  कुछ ही घंटे बाद खेल मंत्रालय द्वारा WFI चुनाव को रद्द कर दिया गया,  जिसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह निलंबित हो गए. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए मेडल लाने वाले दिग्गज खिलाड़ियों ने कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया. पिछले कुछ महीनों से इस पद को लेकर लगातार विवाद जारी है. अध्यक्ष संजय सिंह के निलंबन के बाद भी उनके समर्थकों में उत्साह कम नहीं है.


बृजभूषण शरण सिंह को बताया कुश्ती का पितामह
चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहली बार संजय सिंह वाराणसी पहुंच रहे हैं. इसको लेकर वाराणसी के अलग-अलग जगहों पर उनके स्वागत में पोस्टर भी देखे जा रहे हैं. वाराणसी के जिला मुख्यालय पर लगे एक पोस्टर में संजय सिंह के करीबी माने जाने वाले बीजेपी सांसद और पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती का पितामह बताया गया है. इसके अलावा इस पोस्टर में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की भी हिंदूवादी तस्वीर को दर्शाया गया है. कल वाराणसी पहुंच रहे संजय सिंह के स्वागत को लेकर उनके समर्थकों ने पूरी तैयारी की है.


21 दिसंबर को चुनाव परिणाम के बाद भी संजय सिंह के समर्थको ने लालपुर स्टेडियम में उनकी तस्वीर को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया था. बातचीत में उन्होंने कहा था कि - लगभग एक दशक के बाद पूर्वांचल से कोई भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष पद का नेतृत्व कर रहा है, इससे महिला खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में प्रोत्साहन मिलेगा.


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