Varanasi News: विश्व में भारत कृषि प्रधान देश के तौर पर जाना जाता है. बदलते दौर के साथ-साथ नई तकनीक की मदद से अन्नदाता अपने खेती और कृषि जगत को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के प्रयास में लगे हुए हैं. कुछ ऐसी तस्वीर वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिला जहां चौबेपुर क्षेत्र के तकरीबन 0.5 हेक्टेयर से अधिक खेतों में क्षेत्रीय किसान अपने खेतों को फ़ली छेदक कीट के नियंत्रण के लिए ड्रोन की मदद लेते दिखाई दिए. निश्चित ही यह तस्वीर भारत के कृषि जगत के सुनहरे भविष्य की ओर इशारा कर रही है.
वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्र चौबेपुर से कृषि जगत से जुड़ी हुई एक अनोखी तस्वीर देखने को मिली. जब स्थानीय किसान भाई अपने खेतों को कीट फतंगो से बचाने के लिए ड्रोन की मदद ले रहे हैं. फिलहाल अभी किराए पर लिए गए ड्रोन की मदद से वह फसलों की निगरानी करा रहे हैं. इस नई तकनीक की मदद से किसान बेहद कम समय में उन फसलों की निगरानी करने में सक्षम है, जिनपर कीट फतंगो के चपेट में आने से नुकसान होने का खतरा रहता है. बिना ड्रोन की मदद से जहां खाद्य पदार्थ के छिड़काव में घंटो लग जाते हैं वहीं ड्रोन की निगरानी में बेहद कम समय में फसलों को सुरक्षित करना अब संभव है. इसके माध्यम से आसपास के भी ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से नई तकनीक का सहारा लिया जा रहा है.
पहली बार ड्रोन का किया जा रहा इस्तेमालआधुनिकता के दौर में कृषि प्रधान देश भारत में नई तकनीक के साथ खेती करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. अब वाराणसी के भी ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार ड्रोन के माध्यम से अपने कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है. निश्चित ही इससे न सिर्फ किसान सीमित लागत, मजदूर और निर्धारित समय के अंदर ही खेती करने में सक्षम होंगे बल्कि निर्धारित क्षेत्रफल की भूमि में अधिक फसल की पैदावार भी संभव हो सकेगा.
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