Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मामले में जिला जज ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के द्वारा तीन सप्ताह का और समय मांगने पर हिदायत देते हुए एएसआई को 10 दिन का और समय दिया है. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी मामले को लेकर न्यायालय जनपद न्यायाधीश वाराणसी ने एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट को सौंपने के लिए 10 दिन का और समय दिया है. ज्ञानवापी परिसर में 24 जुलाई को एएसआई का सर्वे आरंभ हुआ तो कोर्ट द्वारा कार्रवाई रोक दिया गया था. 


इसके बाद फिर 4 अगस्त से 2 नवंबर तक किए गये एएसआई के सर्वेक्षण की वैज्ञानिक कार्यवाही की और रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एएसआई के शासकीय अधिवक्ता ने तीन सप्ताह का और समय प्रार्थना पत्र देकर मांगा था. जिसका अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ताओं ने विरोध किया था. हालांकि जिला जज ने एएसआई के द्वारा तीन सप्ताह का और समय मांगने पर हिदायत देते हुए एएसआई को 10 दिन का और समय दिया.


बता दें कि एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए मंगलवार (28 नवंबर) को पार्थना पत्र देकर कोर्ट से तीन सप्ताह का और समय मांगा था. वहीं इस प्रार्थना पत्र पर जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने एएसआई से पूछा था कि वह अधिक समय क्यों मांग रहे हैं. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव की तरफ से बताया गया था कि इस सर्वे के दौरान विभिन्न उपकरणों से मिली जानकारी को आत्मसात करना एक कठिन और धीमी प्रक्रिया है. बता दें कि एएसआई काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में बने ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण इसलिए कर रही है ताकि यह पता चल सके कि यह मस्जिद का निर्माण पहले से वहां मौजूद किसी हिंदू मंदिर की संरचना पर किया गया था.


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