वाराणसी के दालमंडी इलाके में 8 नवंबर की शाम एक बार फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई. इस बार जिस दुकान पर पीडब्ल्यूडी का हथौड़ा चला, वह बीजेपी कार्यकर्ता अभिषेक चौरसिया के परिवार की बताई जा रही है. 

Continues below advertisement

मोहन प्रसाद चौरसिया और विजय प्रसाद के स्वामित्व वाली इस दुकान को प्रशासन ने हथोड़ा और ड्रिलिंग मशीन से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई का उद्देश्य सड़क चौड़ीकरण कर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाले मार्ग को और सुगम बनाना बताया जा रहा है.

विकास के लिए त्याग को बताया मंजूर

इससे पहले 29 अक्टूबर को भी दालमंडी में एक दुकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी. शनिवार को दूसरी बार यह अभियान शुरू हुआ. मौके पर मौजूद अभिषेक चौरसिया ने बताया कि उन्हें पहले से सूचना दी गई थी और मुआवजा भी प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा, “हमारा दुकान 95 साल पुराना है, कई पीढ़ियों ने यहीं से परिवार चलाया है. अनेक यादें जुड़ी हैं, लेकिन विकास के लिए यह त्याग भी हमें मंजूर है.” अभिषेक भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है.

Continues below advertisement

दुकानदारों ने जताई असहमति

हालांकि अन्य दुकानदारों ने इस कार्रवाई पर असहमति जताई है. एबीपी लाइव से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो मुआवजा दिया गया है, वह बेहद कम है. उनके अनुसार, इतनी रकम में नया कारोबार शुरू करना या वैकल्पिक दुकान लेना संभव नहीं है. कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि इस अभियान में जानबूझकर दालमंडी क्षेत्र को चुना गया है, जबकि मंदिर तक पहुंचने के लिए अन्य मार्गों को भी चौड़ा किया जा सकता था.

प्रशासनिक निगरानी में हुई कार्रवाई

ध्वस्तीकरण की पूरी कार्रवाई स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई. अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान शहर में चल रहे विकास कार्यों का हिस्सा है और किसी को व्यक्तिगत रूप से निशाना नहीं बनाया गया है. शासन की योजना के अनुसार, दालमंडी से होकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाला मार्ग अब और चौड़ा और सुविधाजनक बनेगा. हालांकि, दुकानदारों की असहमति के बीच यह अभियान आगे कैसे आगे बढ़ेगा, यह देखना बाकी है.