उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने धार्मिक स्थलों पर लगे मानकों से अधिक आवाज वाले लाउडस्पीकरों को हटाने की कार्रवाई की. डीजीपी के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत सिविल लाइन और नगर कोतवाली थाना क्षेत्र में करीब 15 लाउडस्पीकर उतरवाए गए हैं.

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राज्य के पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने जिलेभर में धार्मिक स्थलों से अतिरिक्त ध्वनि वाले लाउडस्पीकरों को हटाने का अभियान शुरू किया है. अभियान का उद्देश्य धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना और निर्धारित ध्वनि सीमा का पालन सुनिश्चित कराना है.

अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी विशेष धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि राज्य सरकार के तय मानकों को लागू कराने के लिए की जा रही है.

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सिविल लाइन और कोतवाली क्षेत्र में सबसे ज्यादा कार्रवाई

पुलिस के अनुसार, सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 9 और नगर कोतवाली क्षेत्र में 6 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं. पुलिस टीमों ने मस्जिदों से संपर्क कर स्वेच्छा से लाउडस्पीकर उतारने की प्रक्रिया पूरी कराई. कई जगह धार्मिक समितियों ने खुद पुलिस का सहयोग करते हुए लाउडस्पीकर उतार दिए.

सीओ सिटी सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि डीजीपी के आदेश पर पूरे जिले में यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है. अब तक 15 से अधिक लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं, और आने वाले दिनों में अन्य थाना क्षेत्रों में भी जांच और कार्रवाई होगी.

3 दिन तक जारी रहेगा ऑपरेशन

पुलिस का कहना है कि यह अभियान अगले 3 दिनों तक जिलेभर में जारी रहेगा. इस दौरान सभी थाना क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की जांच करें और जो भी निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि पैदा कर रहे हों, उन्हें तुरंत हटवाया जाए.

अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जा रही है, ताकि आम जनता को ध्वनि प्रदूषण से राहत मिल सके.

कई इलाकों में लोगों ने पुलिस के इस कदम का समर्थन किया है. उनका कहना है कि अत्यधिक लाउडस्पीकरों की वजह से बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को परेशानी होती है.