उत्तराखंड में छात्रवृत्ति के फर्जी वाले का एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसको देखकर अब पूरे प्रदेश के अधिकारी भी हैरान हो रहे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस स्कूल को कागजों में मदरसा दिखाकर छात्रवृत्ति घोटाला किया.
वो असल में एक अर्द्ध सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल हैं, और इस स्कूल के प्रबंधन कमेटी में आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोग हैं. वही अब प्रशासन पूरे प्रकरण की जांच कर रहा हैं तत्कालीन अधिकारियों से पूछताछ की जा रही हैं.
छात्रवृति घोटाले का पर्दाफाशउधम सिंह नगर जिले के सरस्वती पूर्व माध्यमिक विद्यालय किच्छा अर्द्ध सरकारी स्कूल को कागजों में मदरसा दिखाकर कई सालों की छात्रवृत्ति गवन करने का मामला सामने आया है. सीएम धामी के निर्देश के बाद शुरू हुई जांच में छात्रवृत्ति को घोटाले का पूरा खेल उजागर हो गया.
सरकारी कागजों के अनुसार साल 2021-22 और 2022-23 में उधम सिंह नगर जिले से 456 छात्रवृत्ति आवेदन को संदिग्ध पाया. इनमें सरस्वती पूर्व माध्यमिक विद्यालय किच्छा के नाम पर 154 मुस्लिम छात्र-छात्राओं के नाम दर्ज हैं, और स्कूल का संचालन मोहम्मद शारिक अतीक को बताया गया हैं.
स्कूल के प्रधानाचार्य ने क्या बताया?वही पूरे प्रकरण का खुलासा होने के सरस्वती पूर्व माध्यमिक विद्यालय किच्छा के प्रधानाचार्य उदय प्रताप सिंह ने बताया कि हमें इस प्रकरण के बारे में पहली बार 19 अप्रैल 2025 को पता चल जब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से अधिकारी हमारे विद्यालय में पहुंचे थें. अधिकारियों द्वारा दिखाए कागज में 9 और 10 के छात्रों का भी उल्लेख था लेकिन हमारा विद्यालय छः से आठ तक का हैं.
तब हमने अपने रजिस्टर और अन्य जरूरी कागजात दिखाएं थें, इस दौरान उनको हमने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को एक पत्र सौंपा था. इसके बाद दूसरी जांच जिलाधिकारी के यहां से आई थीं, उनको भी हमने अपने दस्तावेज दिखाएं थें. हम तो सूबे के मुख्यमंत्री महोदय से अपील करना चाहते हैं, कि हमारे विद्यालय का नाम बदनाम कर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लेने वाले और उनकी मदद करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि भविष्य में कोई इस तरह का दुस्साहस ना कर सके.
मुख्यमंत्री ने दिए एसआईटी जांच के आदेशउत्तराखंड में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में अब सीएम पुष्कर सिंह धामी का अब काफी सख्त नजर आ रहे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त संस्थानों के साथ ही अधिकारियों की भूमिका की एसआईटी को जांच के आदेश दिये है.
पूरे प्रकरण पर केंद्र सरकार की तरफ से सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए गए हैं, प्रकरण के फर्जी मामलों की पहचान कर संबंधित के विरुद्ध प्राथमिक के दर्ज करना भी शामिल हैं.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमित बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
दोषियों पर होगी उचित कार्रवाईइस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त सशक्त कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकरण में लिप्त किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. सीडीओ दिवेश शाशनी ने बताया कि छात्रवृत्ति में हुए फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जायेगी. ताकि आगे की कार्रवाई की जा सकें.
सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य प्रकाश डिक्टिया ने बताया कि इस प्रकरण में सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल किच्छा का नाम भी लिया जा रहा हैं. लेकिन हमारे स्कूल का इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं हैं. उन्होंने बताया कि हम भी मुख्यमंत्री महोदय से अपील करते हैं प्रकरण की जांच कर दोषियों को जेल भेजा जाएं.