Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी स्थित टनल में फंसे मजूदरों को काफी दिक्कतों के बाद 17वें दिन सुरक्षित निकाल लिया गया. इससे मजदूरों के साथ-साथ प्रशासन और परिजनों ने भी राहत की सांस ली है. सुरंग से निकले श्रमिकों के लिए एक और राहत भरी खबर है. सीएम धामी ने मजदूरों के लिए मुआवजे का एलान किया है. सभी मजदूरों को सरकार एक-एक लाख की राहत राशि मुहैया कराएगी. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़ी खुशी का दिन है. जितनी प्रसन्नता श्रमिक बंधुओं और उनके परिजनों को है, उतनी ही प्रसन्नता आज मुझे भी हो रही है. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं. जिन्होंने देवदूत बनकर इस अभियान को सफल बनाया. उन्होंने कहा कि सही मायनों में हमें आज ईगास पर्व की खुशी मिली है. उन्होंने कहा कि भगवान बौख नाग देवता पर हमें विश्वास था. उनका मंदिर भी बनेगा.


सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था


चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का 12 नवंबर को एक हिस्सा ढहने से उसमें फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चला रहे बचावकर्मियों को 17वें दिन यह सफलता मिली. मजदूरों को निकाले जाने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी मौजूद रहे.बाहर निकल रहे श्रमिकों को मुख्यमंत्री ने अपने गले लगाया तथा उनसे बातचीत की.बचाव कार्य में जुटे लोगों के साहस की भी उन्होंने सराहना की. मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद सुरंग के बाहर खड़ी एंबुलेंस के जरिए उन्हें सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया.


हालांकि, मलबे के अंदर 47 मीटर ड्रिलिंग करने के बाद ऑगर मशीन के हिस्से मलबे के अंदर फंस गए और बचाव अभियान में बाधा आ गई. मशीन के हिस्सों को हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाकर काटकर अलग किया गया और उसके बाद सोमवार को 'रैट होल माइनिंग' तकनीक की मदद से हाथ से ड्रिलिंग शुरू की गई जिसके बाद मंगलवार को मलबे में पाइप को आर-पार करने में सफलता मिल गई.


बचाव अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड सरकार, जिला प्रशासन, सेना, वायुसेना समेत तमाम संगठनों की अहम भूमिका रही.


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