Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया. ये रेस्क्यू ऑपरेशन 400 से ज्यादा घंटे तक चला. पूरे देश की दुआएं इन श्रमिकों के साथ थी. इस पूरे घटनाक्रम में मंगलवार को वो सबसे खास पल था जब एनडीआरएफ के जवान सुरंग में आए मलबे के आर-पार पहुंचे. एनडीआरएफ के टीम कमांडर मनमोहन ने इस बारे में जानकारी दी है. 


उन्होंने बताया कि मंगलवार को जब इन्हें बचाने के लिए जैसे ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के चार जवान मलबे के दूसरे छोर तक पहुंचे तो श्रमिकों की सुरक्षित निकासी की उम्मीदें बढ़ गयी थीं. सुरंग के दूसरे छोर तक रेंग कर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति मनमोहन ने बताया कि जैसे ही हमने उनकी ओर हाथ हिलाया और घोषणा की कि एनडीआरएफ की एक टीम उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए यहां है और उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, श्रमिकों के समूह के बीच जबरदस्त उत्साह पैदा हो गया. 


आपको सुरक्षित निकालने आए हैं...


उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम करीब दो घंटे तक वहां मौजूद रही. राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले एनडीआरएफ के कर्मी सचिन चौधरी ने अपना अनुभव साझा करते हुये पीटीआई को बताया कि हमने उन्हें बताया कि हम एनडीआरएफ से हैं और आपको सुरक्षित निकालने आए हैं और पूरा देश आपके साथ खड़ा है.


रेंगते हुए पहुंचे श्रमिकों के पास


उन्होंने कहा कि हम 800 मिलीमीटर व्यास वाले पाइपों में रेंगते हुए उनके पास पहुंचे थे. हमारे पीछे स्ट्रेचर थे. हमारे पास ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी की बोतलें थीं. उन्होंने बताया कि हम वहां पहुंचे और 17 दिन से सुरंग में फंसे श्रमिकों का हौसला बढ़ाया. वहीं ऑपरेशन की सफलता पर एनडीआरएफ कर्मी शैलेश कुमार चौधरी ने कहा कि मैं सभी को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया है. जब भी मैं अपना जन्मदिन मनाऊंगा, मुझे यह दृश्य और यह बचाव अभियान याद आएगा. 


ये भी पढ़ें- 


Uttarkashi Tunnel Rescue: दिवाली के रोज हादसे से रेस्क्यू तक, बीते 17 दिनों में कब क्या हुआ? पढ़ें पूरी टाइमलाइन


खेलें इलेक्शन का फैंटेसी गेम, जीतें 10,000 तक के गैजेट्स


*T&C Apply