Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज सातवां दिन हैं. रेस्क्यू टीम लगातार मजदूरों को निकालने में जुटी हुई है, लेकिन बार बार कोई न कोई परेशानी आ रही है. एक तरफ जहां मशीनों के जरिए रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है तो वहीं पूजा और प्रार्थनाओं को दौर भी शुरू हो गया है. विज्ञान के साथ-साथ अब यहां भगवान का भी सहारा लिया जा रहा है. यही वजह है कि सुरंग के पास एक मंदिर बनाया गया है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन की बाधाएं खत्म हो सकें.
रेस्क्यू ऑपरेशन के सातवें दिन सुरंग के बाहर मंदिर निर्माण का काम शुरू किया गया है. जहां पर सुरंग का मुंह है वहीं पास में एक छोटे से मंदिर को स्थापित किया गया है. जहां विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है. इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. जिसमें देखा सकता है कि चारों दिशाओं में जल छिड़ककर जगह को शुद्ध किया गया और विधि विधान के साथ पूजा की गई है.
मंदिर तोड़ने की वजह से हुआ हादसा!स्थानीय लोगों का मानना है कि सुरंग निर्माण के लिए यहां बना बाबा खौफनाग का मंदिर तोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से ही सुरंग में ये हादसा हुआ है. ग्रामीण सुरंग धंसने को बाबा खौफनाग के गुस्से का प्रकोप मान रहे हैं. जिसके बाद अब यहां पर बाबा का मंदिर स्थापित किया गया है ताकि उनके गुस्से को शांत किया जा सके.
पहले टनल से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन रेस्क्यू टीम जितना मलबा हटाती थी. उतना ही मलबा ऊपर से गिरने लगता, जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि अब सुरंग खोदकर मजदूरों को निकाला जाएगा. इसके बाद देहरादून से बड़ी ऑगर मशीन मंगाई गई. ताकि एक स्टील पाइप डालकर मजदूरों को निकालने का रास्ता बनाया जा सके. मशीन से कई मीटर तक पाइप भी डाला गया, लेकिन एक बार फिर काम रुक गया. मशीन वाइब्रेट करने लगी, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रुक गया. अब इंदौर से एक नई मशीन मंगाई गई, जिससे फिर काम शुरू किया जाएगा.