Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में सुरंग हादसे पर पूरे देश की नजर लगी हुई है. मजदूरों के सुरक्षित निकलने की कामना की जा रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के लिए दुआओं का दौर जारी है. पांच दिनों से लगातार बचाव एवं राहत अभियान युद्ध स्तर पर जारी है. इस बीच एनएचआईडीसीएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो ने पक्का भरोसा जताया है कि सुरंग में फंसे 40 मजदूर सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उत्तम तकनीक और सर्वश्रेष्ठ तकनीशियन और विशेषज्ञों की रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद ली जा रही है.

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर ताजा अपडेट

हमने बचाव कार्य को सफल बनाने के लिए बाहर से भी सलाह ली है. उन्होंने कहा कि प्रशासन हमारे साथ है. इसलिए निश्चित है कि मजदूर सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाल लिए जाएंगे. अंशू मनीष खलखो ने कहा हम मजदूरों तक पहुंचने में करीब 60-70 मीटर दूर हैं. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल होने में लगनेवाले समय पर कहा कि अभी कहना मुश्किल है. इसलिए लक्ष्य के बीच अड़चन आने से काम को रोकना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है.

मजदूरों से 60-70 मीटर दूर है रेस्क्यू टीम

हमारी कोशिश जल्द से जल्द काम को खत्म करने की है. बता दें कि नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी एनएचआईडीसीएल की ओर से सुरंग का निर्माण कर रही है. दिवाली की सुबह अचानक भूस्खलन होने की वजह से सुरंग का एक हिस्सा धंसने से हादसा हो गया. यमुनोत्री राजमार्ग पर सिलक्यारा और पौलगांव के बीच 4.5 किमी लंबी अत्याधुनिक सुरंग बनाने का काम चल रहा था. सुरंग धंसने से अलग-अलग राज्यों के 40 मजदूर अंदर फंस गए. अब मलबा की ड्रिलिंग नई ऑगर मशीन से दोबारा की जा रही है. मंगलवार देर रात ताजा भूधंसाव होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा था. गुरुवार को 25 टन वजनी नई ऑगर मशीन भारतीय वायु सेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों से मंगाई गई.

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