Fire In Forest Of Varunavat Mountain: उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में गंगोत्री हाईवे से सटे वरुणावत तलहटी से लेकर संग्राली टॉप तक वरुणावत पर्वत पर भीषण आग लग गई है. इस पर्वत पर रातभर में धूं-धूंकर आग जलती रही और सुबह तक इसने विकराल रूप धारण कर लिया है और अब ये आग वरुणावत की तलहटी पर आवासीय बस्ती की ओर फैलती जा रही है. जिससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. वहीं लाखों की वन संपदा भी खाक हो चुकी है. 

 

वरुणावत पर्वत के जंगलों में भीषण आग

वरुणावत पर लगी आग का तमाशा पूरा शहर देख रहा है. वन विभाग के कर्मचारी टॉर्च लेकर रात भर आग बुझाने के प्रयास में जुटे रहे. लेकिन भीषण आग की लपटों के आगे विभाग के सारे तामझाम धरे के धरे रह गए. करोड़ों रुपए खर्च कर वरुणावत पर्वत पर की गई प्लांटेशन आग से जलकर खाक हो गई. रात में जंगली जानवर भी जान बचाकर शहर की ओर भाग गए हैं, जिससे भी लोग घबराए हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी इस पर बात करने को तैयार नहीं है. एबीपी गंगा की टीम ने फोन पर भी उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन को संपर्क नहीं हो पाया.

 


करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक

दरअसल, वर्णावत पहाड़ी के जंगलों में दोपहर को ही आग सुलग चुकी थी और देखते ही देखते देर शाम तक आग ने विकराल रूप ले लिया. वरुणावत पर्वत रातभर धूं-धूंकर जलता रहा. इससे लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है. जनपद में आज तक ऐसी आग कभी देखने को नही मिली जनपद मुख्यालय के वरुणावत पर्वत पूरा जल कर राख हो गया हैं. इससे पहले 2003 में यहां पर ऐसी त्रासदी देखने को मिली थी. जिसमें पूरा शहर बहुत बड़ी मात्रा तबाह हो गया था. उस समय तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 282 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई थी. उसी दौरन इस पर्वत पर निर्माण कार्य किया गया. पर्वत पर कई कीमती पेड़ लगाए गए थे.

 


प्रशासन ने अब तक नहीं ली सुध



इस आग में वरुणावत और नीम के जंगल भीषण आग से जल कर खाक हो गए हैं. उत्तराखंड के कुल क्षेत्रफल 54834 वर्ग किमी में से 34434 वर्ग किमी हिस्से में वन क्षेत्र है. जिला उत्तरकाशी में 88% क्षेत्रफल में जंगल क्षेत्र है. पर्वत की आग बढ़ती ही जा रही है लेकिन यहां के मुखिया यानी DFO साहब कहीं चैन की नींद सो रहे हैं. करोड़ों की वन उपज व हरियाली नष्ट हो चुकी हैं. वन्य जीव जंतुओं के लिए जंगलों की आग एक भयंकर आपदा से कम नहीं. वन विभाग के आग बुझाने के तमाम दावे जंगलों की भीषण आग के आगे बौने साबित हो रहे हैं.