Uttarkhand News: उत्तराखंड में चकराता की तुलना में अब पर्यटक लोखंडी का रुख ज्यादा कर रहे हैं.दिल्ली से लगभग साढ़े छह घंटे की दूरी पर स्थित यह हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों और रोमांचक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध हो रहा है.इस साल यहां सात बार बर्फबारी हो चुकी है, जिससे पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.

इस बार मुख्य चकराता में बर्फबारी नाममात्र की हुई, जबकि लोखंडी क्षेत्र में भारी हिमपात हुआ.इसका मुख्य कारण यह है कि लोखंडी चकराता से अधिक ऊंचाई (लगभग 8,500 फीट) पर स्थित है.पर्यटक अब सीधे लोखंडी पहुंच रहे हैं और वहीं बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं.यही कारण है कि चकराता की तुलना में लोखंडी में इस बार अधिक पर्यटक देखने को मिले.

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुले हैं.लोखंडी में होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है.पर्यटन की बढ़ती मांग को देखते हुए स्थानीय लोग भी इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं.

लोखंडी के निकट कई खूबसूरत पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिनमें बुधेर गुफाएं, कोटी-कनासर, मोइला टॉप, देववन, खडंबा और मुंडाली शामिल हैं.हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि इन स्थानों को अभी तक सरकार ने पर्यटन के लिए पूरी तरह विकसित नहीं किया है.उदाहरण के लिए, बुधेर गुफाओं तक जाने के लिए अभी भी कच्चा मार्ग है और मोइला टॉप तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है.

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लोखंडी का नाम इसके पुराने लौह खदानों के कारण पड़ा.स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पहले इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में लौह अयस्क पाया जाता था.यहां के लोग लोहे से घरेलू उपकरण और कृषि औजार बनाते थे.इतिहासकारों का मानना है कि यहां एक विशेष प्रकार का काले रंग का पत्थर पाया जाता था, जिसे पिघलाकर लोहा बनाया जाता था.इसी कारण इस गांव का नाम पहले 'लोहा गांव' पड़ा, जो बाद में 'लोहारी' और फिर 'लोखंडी' कहलाने लगा.

लोखंडी धीरे-धीरे उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में अपनी पहचान बना रहा है.गर्मियों में जहां टाइगर फॉल प्रमुख आकर्षण होता है, वहीं सर्दियों में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटक अब लोखंडी पहुंच रहे हैं.स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करे, ताकि यहां और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.

लोखंडी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बर्फबारी के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.चकराता से मात्र 20 किमी दूर स्थित यह गांव अब पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है.पर्यटकों की बढ़ती संख्या से न केवल स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं.यदि सरकार इस क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करे, तो लोखंडी भविष्य में उत्तराखंड का प्रमुख हिल स्टेशन बन सकता है.