Uttarakhand News: जोशीमठ (Joshimath) में हो रहे भू-धंसाव के कारण उत्तराखंड (Uttarakhand) के पर्यटन पर भी बड़ा असर पड़ रहा है. दरअसल, भू-धंसाव से पर्यटकों में डर का माहौल है. बताया जा रहा है कि ओली (Auli) में आने वाले तमाम पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसल करा दी है. विंटर सीजन में ओली में बड़े स्तर में पर्यटन संबंधी गतिविधियां होती हैं. वहीं जोशीमठ की घटना को देखते हुए कई स्थानों पर टूरिस्ट पैलेस भी सूने पड़े हुए हैं. ऐसी स्थिति को देखते हुए पर्यटन विभाग (Tourist Department) की चिंता बढ़ गई है. विभाग का मानना है कि जल्द ही इसका कोई उचित समाधान नहीं निकला तो आने वाले सीजन में पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लग जाएगी.
जोशीमठ इलाके में अब तक 603 घरों में अभी तक दरारें आई हैं. प्रशासन ने रविवार तक 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है. जोशीमठ प्रशासन ने गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड को असुरिक्षत क्षेत्र घोषित किया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे. गृह मंत्रालय में तैनात सीमा प्रबंधन के सचिव भी जाएंगे. सात संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम हालात का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपेगी.
टीम में शामिल रहेंगे ये विशेषज्ञ
दौरा करने वाली टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन इंस्टिट्यूट, भारतीय भूगर्भ सर्वे संस्थान, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलोजी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञ शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने जोशीमठ मामले पर बैठक की. बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी मौजूद रहे. ग्राउंड जीरो पर मौजूद जोशीमठ के जिला पदाधिकारी इस समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंस से शामिल हुए.
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