Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद कई विधानसभाओं के लिए बड़ी योजनाओं का एलान किया है. सीएम धामी ने विधानसभा क्षेत्र कपकोट में नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की स्वीकृति की है और कपकोट में स्थित केदारेश्वर स्टेडियम की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा कार्य किये जाने की स्वीकृति प्रदान की. वहीं हरिद्वार में जलभराव के संबंध में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दे दी है. 


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद हरिद्वार में जलभराव वाले क्षेत्रों को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की है. हरिद्वार क्षेत्र को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने से यहां के किसानों को अब काफी लाभ मिलेगा. इस क्षेत्र में अगले 3 महीने तक किसी भी प्रकार की ऋण की वसूली नहीं की जाएगी. इससे हरिद्वार के किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी.


हरिद्वार आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी तीन महीने तक बिजली, जल व अन्य सरकारी देयकों एवं ऋणों की वसूली को स्थगित रखे जाने की सहमति जताई है. साथ ही आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकों के नुसार तत्काल राहत राशि का वितरण किए जाने के आदेश अधिकारियों को दिया है. इसके साथ ही भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रबन्धन योजना पर कार्य किए जाने तथा इसके साथ ही जल निकासी की व्यापक योजना तैयार किए जाने की भी घोषणा की. 


बाढ़ रोकने के लिए उठाए जाएंगे कदम


सीएम धामी ने भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों को चौनेलाईज कराये जाने का कार्य कराये जाने हेतु ठोस कदम उठाये जाने, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केन्द्रों का निर्माण कराए जाने संबंधी प्रस्तावों को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने गृह क्षेत्र खटीमा के लिए भी कुछ सौगात वहां की जनता को दी है.


सीएम धामी ने किए कई बड़े एलान


मुख्यमंत्री धामी ने छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उच्च स्तर का ज्ञान प्राप्त करने के लिए खटीमा क्षेत्र में पुस्तकालय तैयार करने, खटीमा में जल भराव से निजात के लिए ड्रेनेज प्लान तैयार किये जाने एवं चरणबद्ध रूप से नालों का निर्माण किये जाने के साथ ही विविध हस्तशिल्पों और हथकरघा क्षेत्र में आजीविका की व्यापक सम्भावना व विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार किये जाने, खटीमा क्षेत्र के आईटीआई व अन्य विषयों के साथ क्षेत्र के हस्तशिल्प व हथकरघा की विशेष कलाओं के संरक्षण एवं विकास के प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की है. 


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