Gyanvapi Mosque Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे (Gyanvapi Survey) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसे लेकर मुरादाबाद (Moradabad) से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सासंद डॉ एसटी हसन (Dr ST Hasan) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अदालत ने जो भी फैसला दिया है वो हम सबको मान्य है. हमें अदालत के इंसाफ पर भरोसा है. सभी पक्षों को कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना चाहिए. 


सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने ज्ञानवापी पर आए हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "अदालत के फैसले को सबको मानना है, सर्वे होगा. हम बस ये चाहते हैं कि सर्वे से उस इमारत को कोई नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि हम तो फैसले को मानेंगे लेकिन बाकी पक्षों को भी मानना चाहिए कि जो भी फैसला हो उसे माने. बाकी हम अदालतों के इंसाफ पर भरोसा करते हैं.''


सीएम योगी के बयान पर कही ये बात


सपा सांसद से जब ज्ञानवापी को लेकर सीएम योगी के बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "आज हमारे देश के सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की बहुत जरुरत है. कोई भी काम या बयान ऐसा नहीं आना चाहिए, जिससे हिन्दुस्तान के रहने वालों के बीच फासले बढ़ जाएं, उन्हें मिलाने की कोशिश की जानी चाहिए न कि दूर करने की." दरअसल सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि "ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो विवाद होगा. वहां पर हिन्दू देव प्रतिमाएं हैं, ज्योतिर्लिंग है. ये सब हमने तो वहां नहीं रखा है."



सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष


इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर मौलाना राशिद फिरंगी महली ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास अभी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है. इस मामले में वरशिप कानून का पालन होना चाहिए. एक या दो दिन के भीतर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.


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