उत्तराखंड सरकार ने उपनल (UPNL) के माध्यम से विभिन्न विभागों में तैनात कार्मिकों के हित में एक अहम निर्णय लिया है. यह फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर लिया गया है. लंबे समय से वेतन संबंधी समानता की मांग कर रहे उपनल कर्मियों को अब समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत पर लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है.

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यह निर्णय उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल में लंबित रिट याचिका संख्या 116/2018 (PIL) में पारित आदेश के अनुपालन में लिया गया है. हाल ही में उपनल प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री की बैठक के बाद शासन स्तर पर इस मुद्दे पर विस्तार से विचार किया गया. इसके बाद सैनिक कल्याण विभाग के सचिव दीपेन्द्र चौधरी ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (UPNL) को औपचारिक परिपत्र जारी किया.

समान कार्य-समान वेतन का नियम लागू  

जारी परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के अधीन विभागों व संस्थानों में UPNL के माध्यम से कार्यरत ऐसे कार्मिक, जिन्होंने 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर ली है, उन्हें अब वेतनमान का न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाएगा. यह लाभ समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत पर आधारित होगा.

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इसके साथ ही उन अन्य उपनल कार्मिकों को भी चरणबद्ध तरीके से समान वेतनमान का लाभ दिया जाएगा, जिन्होंने निरंतर सेवा का समय पूरा किया है. शासन का कहना है कि इसके लिए औपचारिक आदेश जल्द जारी कर दिए जाएंगे, ताकि सभी पात्र कार्मिकों को समय से लाभ पहुंच सके.

सीएम धामी ने कर्मचारियों को दिया भरोसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार उपनल कार्मिकों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उनकी दीर्घकालिक समस्याओं के समाधान और सेवाओं की स्थिरता के लिए सरकार लगातार ठोस निर्णय ले रही है.

सरकार के इस कदम से लंबे समय से स्थायी वेतनमान की मांग कर रहे हजारों उपनल कार्मिकों को राहत मिलने की उम्मीद है. यह निर्णय राज्य सरकार की कर्मचारी हितैषी नीति को भी मजबूत करता है.