Pithoragarh News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में चीन और नेपाल की सीमा (China and Nepal Border) से लगे सभी गांव जल्दी संचार सेवाओं से जुड़ जाएंगे. इसके लिए प्रशासन ने मोबाइल कंम्पनियों (Mobile Companies) को टावर लगाने की अनुमति दे दी है. दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (Internationa Border) पर संचार सुविधा शुरू होने से सींमात के ग्रामीणों को नेपाली सिम (Nepali Sim) का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. सीमांत मे तैनात सेना और अर्द्धसैनिक बलों को भी संचार सुविधा का लाभ मिल सकेगा.


सीमा पर लगे गांव में लगेंगे मोबाइल टॉवर


जहां एक ओर देश में फाइव जी फोन सेवा शुरू होने जा रही है, वही दूसरी ओर दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित पिथौरागढ़ जिले के कई सीमावर्ती गांव अभी संचार सेवा के मामले मे काफी पिछड़े हैं. इसमें नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर से लेकर चीन सीमा पर स्थित व्यास, चौदास, दारमा घाटियों के गांव शामिल हैं. नेपाल सीमा से लगे अधिकतर इलाकों में नेपाल की कंपनियों के सिग्नल आने से कई लोग सालों से यहां नेपाली सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं. 



 

जिलाधिकारी ने दी ये जानकारी

इस बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया हमारे कई सारे गांव नेपाल की सिम को इस्तेमाल करते थे. वहां नेपाली नेटवर्क लोगों के पास उपलब्ध था. यूएसएफ स्कीम के तहत वारकोटिंग के सारे एरिया में टावर एक्टिव करने की कोशिश कर रहे हैं. ढांकर में हमारे टावर एक्टिव हुए है, कोशिश ये है अन्य स्थानों में भी लैंड आइडेंटिफाइ करते हुए तेजी से इस सीजन में या जो भी वर्किंग समय हमें मिला है, टावर को इरेक्ट करें. पूरे क्षेत्र में पैरलल नेटवर्क कनेक्टिविटी जनसामान्य को सुविधा का लाभ दे सके. 

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