उत्तराखंड में लगभग 96 दिन से सक्रिय रहा मानसून अब विदाई की ओर दिखाई दे रहा है. मानसून हरिद्वार एवं इसके आसपास के इलाकों से विदा हो गया है. अगले दो से तीन दिन में पूरे प्रदेश में मानसून की विदाई की स्थिति बनती हुई दिखाई दे रही है. इस बार मानसून प्रदेश में आफत बनकर बरसा है. राजधानी देहरादून में तो एक दिन में बारिश का 101 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया, प्रदेश में 21 जून को मानसून ने दस्तक दी थी.

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पूरे उत्तराखंड की अगर बात करें तो अब तक प्रदेश में मानसून में सामान्य 1147.4 से 23 फीसदी ज्यादा 1411.5 एमएम बारिश हुई है, जो प्रदेश में साल 2010 के बाद सर्वाधिक बारिश है. साल 2010 में मानसून में उत्तराखंड में 1680 एमएम बारिश दर्ज की गई थी.

उत्तराखंड कब कितनी हुई बारिश

उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक डॉक्टर तोमर के मुताबिक, उत्तराखंड में साल 2000 में 1590, साल 2007 में 1560 एमएम बारिश हुई थी. जबकि साल 1998 और 2003 में भी 1400 mm से ज्यादा बारिश हुई थी. उधर पिछले साल मानसून में सामान्य 1162.7 से 9 फ़ीसदी ज़्यादा 1273.0 एमएम बारिश हुई थी.

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24 सितंबर को उत्तराखंड के कुछ भागों के मानसून विदा

उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक डॉक्टर तोमर ने एबीपी लाइव को बताया कि, दक्षिण पश्चिम मानसून 24 सितंबर को उत्तराखंड के कुछ भागों से विदा हो गया. दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा रामपुर, बुलंदशहर, हरिद्वार, मुरादाबाद, एटा से होकर गुजर रही है. उन्होंने बताया कि अगले दो से तीन दिनों में उत्तराखंड के अन्य कुछ भागों से मानसून विदा होने की पूरी संभावना है इसके बाद मौसम साफ होने के आसार हैं और प्रदेश को बारिश से राहत मिलेगी.

आपको बता दें कि, इस बार उत्तराखंड में मानसून के दौरान बारिश भारी तबाही मचाई है, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 260 लोगों की मौत का सरकारी आंकड़ा है तो वहीं काफी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.

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