उत्तराखंड के आईटीआई छात्रों के लिए राज्य सरकार ने एक बड़े कदम की घोषणा की है. अब राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ हर महीने 8 हजार रुपए का भत्ता मिलेगा. इसके साथ ही प्रदेश के 80 में से 32 आईटीआई में इस साल से दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली शुरू की जा रही है. विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इस पहल को युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया है.
उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के तहत चार बड़ी कंपनियों—बजाज ऑटो लिमिटेड, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, और हिमालयन पावर मशीन्स मैन्युफैक्चरिंग—के साथ करार किया है. इस व्यवस्था के तहत छात्रों का आधा प्रशिक्षण राजकीय आईटीआई में होगा, जहां ये कंपनियां विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण देंगी. शेष आधा प्रशिक्षण इन कंपनियों के परिसर में होगा. कंपनियों में प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को न्यूनतम 8000 मासिक भत्ता मिलेगा, हालांकि कुछ कंपनियां इससे अधिक राशि देने की योजना बना रही हैं.
प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर
दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली में वेल्डर, फिटर, मैकेनिक, ऑटो बॉडी पेंटर, टर्नर आदि ट्रेडों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. हर आईटीआई में इस योजना के तहत 20 से 24 छात्रों की संख्या निर्धारित की गई है. विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा ने एबीपी से बातचीत में कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ही कई छात्र कंपनियों में काम शुरू कर देंगे, जो उनके लिए आत्मविश्वास और रोजगार का बड़ा अवसर होगा. हम बड़ी कंपनियों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले.
मुफ्त ड्रेस के लिए डीबीटी से धनराशि
इसके साथ ही आईटीआई छात्रों को सरकारी स्कूलों की तर्ज पर ड्रेस के लिए भी धनराशि दी जाएगी. पिछले साल मुफ्त ड्रेस की मंजूरी दी गई थी, लेकिन छात्रों तक यह सुविधा नहीं पहुंच सकी. इस साल से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पहली बार छात्रों को ड्रेस के लिए राशि दी जाएगी, जो सरकारी स्कूल छात्रों को दी जाने वाली धनराशि के बराबर होगी. यह कदम छात्रों के लिए एक और राहत लेकर आया है.
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि यह योजना युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस करने और उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है. दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली से छात्र न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि व्यावहारिक अनुभव के साथ आत्मनिर्भर बनेंगे. यह पहल उत्तराखंड के युवाओं को औद्योगिक क्षेत्र में मजबूत आधार प्रदान करेगी.