Uttarakhand illegal Felling Forest: नैनीताल हाई कोर्ट ने कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों के अवैध कटान के मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले को जनहित याचिका में स्वीकार किया है और डीएफओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड के हाई कोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच जंगल से किया जा रहे पेड़ों के अवैध कटान को लेकर स्वत संज्ञान लिया है. इसकी खबर एबीपी लाइव ने भी कुछ दिनों पहले दिखाई थी कि बाजपुर में कैसे लोगों के घरों से वन विभाग ने एक दर्जन ट्राली से ज्यादा लड़कियां बरामद की है. जो की जंगल से अवैध रूप से कटकर लाई गई थी और उन्हें बेचा जा रहा था.


अब नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मामले में जनहित याचिका के रूप में लेते हुए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ को निर्देश दिए हैं कि वह ओरिजिनल रजिस्टर के साथ 2 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों. न्यायालय ने डीएफओ से पूछा है कि यह पेड़ किस नियमावली के तहत काटे जा रहे हैं और चेकिंग पोस्ट पर कितने वाहनों का चालान किया गया यह न्यायालय को बताएं.


ग्रामीण भी ले जा रहे हैं दो-दो कुंटल लकड़ी 


इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने कहा की चेक पोस्ट पर नियुक्त कर्मचारी किसी को भी वहां से चेकिंग किए बगैर जाने दे रहे हैं. इसी दौरान न्यायालय ने कहा कि ग्रामीण प्रत्येक दिन साइकिल पर लगभग दो-दो कुंटल लकड़ी लाद कर धक्का मार कर ले जा रहे हैं, उन्हें खाना बनाने के लिए प्रत्येक दिन कितनी लकड़ी की जरूरत होती होगी. हमने देखा है कि उसे क्षेत्र में हर घर के सामने कई कुंटल लकड़ियां जमा करके रखी गई हैं. क्या यह वनों का विदोहन नहीं है अधिकारी इस पर कोई कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं. हमें लगता है कि जिन घरों के सामने लकड़ियां पड़ी थीं, उन घरों में गैस सिलेंडर भी मौजूद होंगे.


जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों का कटान कई दिनों से है जारी


न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते समय उसे क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का खुद संज्ञान लिया. जिस पर वास्तव की स्थिति को जानने के लिए आज डीएफओ को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं. डीएफओ को ओरिजिनल रजिस्टर के साथ पेश होने को कहा गया है. उत्तराखंड के जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों का कटान जारी है और पिछले दिनों एबीपी लाइव ने दिखाया था कि कैसे वन विभाग के कार्यालय से ही एक चंदन के पेड़ को तस्कर काट के ले गए. वहीं जंगलों में लगातार अवैध कटान जारी है, जिसका खुद संज्ञान नैनीताल हाईकोर्ट ने लिया है लेकिन वन विभाग को शायद इसकी परवाह नहीं है. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई ना करके वन विभाग चीन की नींद सो रहा है और उत्तराखंड के जंगल लगातार बर्बाद हो रहे हैं.


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