नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोटद्वार में नजूल भूमि और बद्रीनाथ हाइ-वे पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 जनवरी तक अतिक्रमण को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.


अतिक्रमणकारियों ने दायर की पुनर्विचार याचिका
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई. पूर्व में न्यायालय ने नजूल भूमि और हाइ-वे के आसपास हुए अतिक्रमण को 8 सप्ताह के भीतर हटाने के आदेश दिए थे. जिसपर सोमवार को कुछ अतिक्रमणकारियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की. उनकी तरफ से न्यायालय में कहा गया कि उन्होंने नजूल भूमि और हाइ-वे के ऊपर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया है.


अतिक्रमण को हटाया जाना अनिवार्य है
न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 8 जनवरी तक अतिक्रमण को हटाने पर रोक लगा दी है. मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी मुजीब ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोटद्वार में नजूल भूमि और बद्रीनाथ हाइ-वे पर लोगों ने अतिक्रमण करके निर्माण कार्य किया है, जिससे हाइ-वे संकरा हो गया है और आए दिन जाम लगता रहता है, इसलिए अतिक्रमण को हटाया जाना अनिवार्य है.



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