Uttarakhand Highcourt Cheif Justice: न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी (Vipin Sanghi) आगामी 28 जून को उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand Highcourt) के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर देहरादून (Dehradun) राजभवन में शपथ लेंगे. उन्हें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.)गुरमीत सिंह (Lt. Gen. Gurmit Singh) शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह शाम 6.15 बजे होगा. न्यायमूर्ति सांघी नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital HIghcourt) के 12वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.


28 को शपथ लेंगे जस्टिस विपिन सांघी
इससे पहले न्यायमूर्ति अशोक देसाई, एच.एस.कपाड़िया, विकास श्रीधर शिरपुरकर, सीरियक जोसफ, राजीव गुप्ता, विनोद गुप्ता, जे.एस.खेहर, बारिन घोष, के.एम.जोसेफ, रमेश रंगनाथन और राघवेंद्र सिंह चौहान मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. वर्तमान में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा हैं. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती शर्मा की ओर से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है. न्यायमूर्ति सांघी दिल्ली उच्च न्यायालय से पदोन्नत होकर नैनीताल उच्च न्यायालय आ रहे हैं. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कोलॉजियम ने 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी.


जानिए कौन हैं न्यायमूर्ति विपिन सांघी
न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में हुआ. साल 1965 में वो परिवार के साथ नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित हो गए. दिल्ली में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और साल 1980 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी गणित(ऑनर्स)से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया. इसी वर्ष उन्होंने एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया.


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पिता और दादा भी रहे वरिष्ठ वकील
न्यायमूर्ति विपिन सांघी के दादा वीके सांघी और पिता जी एल सांघी भी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं. न्यायमूर्ति सांघी ने शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जर्नल मुकुल रोहतगी के साथ काम किया. वे सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल के अधिवक्ता के रूप में भी नियुक्त हुए. दिसंबर, 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय कानून सम्मेलनों में भाग लिया है. 29 मई, 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और 11 फरवरी, 2008 को एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति किए गए. 


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