Uttarakhand News: उत्तराखंड में 1 अप्रैल से स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन  सरकार (Uttarakhand Government) की ओर से बच्चों को मुफ्त मिलने वाली किताबें नहीं मिल पाई हैं. दरअसल सरकार सरकारी स्कूलों (Government Schools) के छात्रों को मुफ्त किताबें वितरित करती है, लेकिन नए शैक्षणिक सत्र (New Academic Session) में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मुफ्त पुस्तकें कब मिलेंगी यह अभी कहना मुश्किल है. ऐसा इस साल ही नहीं बल्कि हर साल होता है कि विभाग की ओर से वक्त पर छात्रों को किताबें नहीं मिल पाती हैं. 


उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन नए शैक्षणिक सत्र में छात्रों को मुफ्त पुस्तकें अभी तक नहीं मिल पाई हैं और छात्रों को किताबें कब तक मिलेंगी यह कह पाना भी अभी मुश्किल है, क्योंकि 16 लाख से ज्यादा छात्रों के लिए पुस्तक छापने का काम अब जाकर शुरू हुआ है. सत्र शुरू होने के बाद विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरकार कब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पुस्तकें छपेंगी, फिर वह विभाग को मिलेंगी और उसके बाद कब जाकर स्कूलों तक पहुंचेंगी. 


शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
हालांकि जब इस बारे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत से पूछा गया तो उनका कहना है कि पुस्तकों के छपने में देरी की वजह यह भी है कि इस बार अशासकीय स्कूलों के छात्रों को भी सरकार की तरफ से निशुल्क पुस्तकें दी जानी हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में बजट सत्र कराया गया, जिसमें बजट की व्यवस्था पुस्तकों को लेकर भी की गई है. जल्द ही सभी छात्रों को विभाग द्वारा पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी.


पुरानी से चलेगा काम
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सरकार निशुल्क पुस्तक प्रदान करती है, लेकिन इस बार अशासकीय स्कूलों के छात्रों को भी सरकार की तरफ से निशुल्क पुस्तकें दी जा रही हैं. लगभग 16 लाख से ज्यादा छात्रों को इस बार शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तक प्रदान की जानी है. हालांकि स्कूल प्रधानाचार्य का कहना है कि जब तक किताबें उपलब्ध नहीं होतीं तब तक पुरानी किताबों से ही स्कूलों में काम चलाया जाएगा. हालांकि स्कूलों में बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के बाद ही पढ़ाई शुरू होगी.


कुल मिलाकर देखें तो जहां नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है तो वहीं नए शैक्षणिक सत्र में छात्रों को पुरानी पुस्तकों से ही फिलहाल काम चलाना होगा. ऐसे में देखना होगा कि आखिरकार कब जाकर शिक्षा विभाग मुस्तैदी से पुस्तकों को छपवाने का काम पूरा करवाता है. साथ ही प्रदेश के दूरस्थ स्कूलों में भी जल्द से जल्द पुस्तक बांटने का काम करता है, ताकि पुस्तक न मिलने की वजह से छात्रों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो.


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