Uttarakhand Earthquake: उत्तराखंड में जहां एक ओर तेज बारिश का दौर जारी है, वहीं प्रदेश में बीते कई दिनों से लगातार भूकंप (Earthquake) के झटकों से देवभूमि की धरती डोल रही है. आज एक बार फिर उत्तराखंड (Uttarakhand) के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में सोमवार सुबह 5.30 बजे आए भूकंप से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. नेशनल सीस्मोलोजी सेंटर (National Seismology Center) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 40 किमी दूर जमीन के पांच किमी नीचे था.


वहीं दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग में भी बीती शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटकों से रुद्रप्रयाग के लोग दहशत में आ गए और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की तीव्रता नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार 2.1 रही. हालांकि यहां भी भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. उत्तराखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इससे पहले बीते दिनों उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उत्तरकाशी में आधी रात को एक के बाद एक भूकंप के पांच झटकों से लोग दहशत में आ गए थे.


लाउडस्पीकर से लोगों को किया जा रहा अलर्ट
हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. वहीं प्रशासन ने लाउडस्पीकर से लोगों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेने की अपील की. लेकिन भूकंप के पांच झटकों ने लोगों को हिलाकर रख दिया और लोग बचने के लिए सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे. साल 1991 में उत्तरकाशी और साल 1999 में चमोली में 7 मैग्नीट्यूड की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी तबाही के निशान आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं. उत्तरकाशी में करीब 768 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस आपदा में 20 हजार से ज्यादा लोगों के घरों को क्षति पहुंची थी. आधी रात को आए इस भूकंप में लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले मौत ने उन्हें अपने आगोश में लिया था.


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