देहरादून: उत्तराखंड के पौड़ी में सीएम सौर स्वरोजगार योजना में हुए बड़े बदलाव के बाद अब कहीं पहाडी क्षेत्रों में कार्य ने रफ्तार पकड़ी है. यहां 20 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए अब जमकर आवेदकों के आवेदन उरेडा विभाग को मिल रहे हैं. योजना देर ही सही लेकिन अब पहाडी क्षेत्रों में भी परवान चढ़ने लगी है.


पहाडों में दम तोड़ने लगी योजना
दरअसल, पूर्व में 63 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट की योजना पहाड़ों की परिस्थति के अनुरूप कारगर सिद्ध नहीं हो पाई थी, जिससे आवेदकों के आवेदन तो उरेडा विभाग तक पहुंचे लेकिन पहाड़ों में ट्रांसफार्मर की कमी और इनकी कम क्षमता के कारण ये योजना पहाडों में दम तोड़ने लगी. आवेदको के आवेदन कागजी कार्रवाई में सिमट गए, जिससे आवेदकों के हाथ बड़ी मायूसी लगी.


योजना में नजर आया बदलाव
सीएम की समीक्षा और राज्य सरकार के फैसले के बाद जैसे ही सीएम सौर स्वरोजगार योजना के हालातों पर नजर दौड़ाई गई तो दम तोड़ती योजना में बदलाव नजर आने लगा. 20 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट को पहाड़ी क्षेत्रों की परिस्थति को अनुकुल मानकर योजना में बदलाव कर 25 किलोवाट के ट्रांसफार्मर लगाए जाने की अनुमति दी गई. इस बदलाव के बाद उत्तराखंड वासियों के लिए स्वरोजगार के नए अवसर बन रहे हैं.


खुली स्वरोजागर की राह
सौर स्वरोजगार योजना में स्वरोजगार की राह देख रहे आवेदकों के आवेदन पौड़ी में हर दिन बढ रहे हैं. अब तक उरेडा विभाग को 118 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें से 115 आवेदनों पर विचार कर 30 आवेदकों को हरी झंडी दिखाकर स्वरोजागर की राह खोल दी गई है. जबकि, शेष पर सर्वे टीम सर्वे कर रही है.


टीम कर रही है सर्वे
आवेदन पर लिखी सभी शर्तें सर्वे में अनुकुल मिलीं तो जल्द ही इनके आवेदनों को भी विभाग से मंजूरी मिल जाएगी. उरेडा विभाग के परियोजना अधिकारी ने बताया कि 20 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट पहाड़ों के अनुकूल तो है हीं साथ ही स्वरोजगार की राह तलाश रहे बेरोजगारों के लिए भी ये बेहतर विकल्प है.


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