Uttarakhand News: उत्तराखंड में लगातार ग्लेशियर के खतरे बढ़ रहे है, इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उत्तराखंड में एक ग्लेशियर अध्यन केंद्र खोलने की मांग की है. इसको लेकर कहा जा रहा है कि प्रदेश में कई ग्लेशियर है, जिनके पिघलने और उनसे बनने वाली कई झीलों से खतरा बना रहता है. इन्हीं संभावित खतरों को देखते हुए एक अध्ययन केंद्र उत्तराखंड में बनाने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है. इसको लेकर केंद्र से राज्य सरकार ने मांग की है.
ये मांग सीएम धामी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की है. इसको लेकर प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने एबीपी लाइव को बताया कि प्रदेश में कई बार ग्लेशियर से खतरे उत्पन्न हो जाते है. इसलिए मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया है.
मंजूरी मिलने के बाद तय होगा कि कहा बनेगा सेंटरउन्होंने आगे कहा कि, जल्दी इस विषय पर पूरी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को भेजी जाएगी, जिससे प्रदेश में एक ग्लेशियर रिसर्च सेंटर बन सके. अभी इस रिसर्च सेंटर को कहां बनाया जाएगा, इसकी तो अभी कोई तैयारी नहीं है लेकिन केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद इसके विषय आगे बात की जा सकती है.
ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की जरूरत क्यों?आपको बता दें कि उत्तराखंड में कई ग्लेशियर हैं जो धीरे-धीरे पिघल रहे हैं, इसको लेकर वादिया इंस्टीट्यूट से भी हमने बात की थी. साथ ही बता दें पहले भी ग्लेशियरो को लेकर रिसर्च की जा चुकी है. फिलहाल इस रिसर्च सेंटर के खुलने से प्रदेश को काफी फायदा होगा और किसी भी बड़े खतरे के आने से पहले ही उसके बारे में सरकार आगाह हो सकती है. इसलिए इस इंस्टीट्यूट का खिलन भी बेहद जरूरी है.
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