Uttarakhand Budget Session: उत्तराखंड विधानसभा सत्र 26 फरवरी से शुरू हो चुका है लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सत्र के शुरू होने से पहले कोई कार्य मंत्रणा की बैठक ना हुई हो और बिना कार्य मंत्रणा की बैठक के ही सारे झंडे पास कर दिए गए हो, ऐसा इसलिए हुआ है कि क्योंकि विपक्ष के नेताओं ने कार्य मंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया था.


विपक्ष का कहना था कि सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाई जाती है ताकि विपक्ष की ओर से दिए गए सवालों के जवाब भी मिल सके लेकिन जिस तरह से पिछले सत्र में देखने को मिलकर सरकार ने विपक्ष का एक भी प्रश्न विधानसभा में नहीं सुना और ऐसे ही अपने दोनों विधायक पेश कर दिए ना उन पर सवाल हुए ना जवाब इससे नाराज विपक्ष के नेताओं ने कार्य मंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया था.


विपक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति से दिया
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का साफ तौर पर कहना था कि अगर सरकार को विपक्ष की बात ही नहीं सुनाई है तो ऐसी समिति में रहने का कोई फायदा नहीं है इससे यशपाल आर्य ने इस समय कार्य मंत्रणा समिति से अपना इस्तीफा देते हुए विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को सौंप दिया था.


उत्तराखंड में यह शायद पहली बार होगा जब विपक्ष के बग़ैर कार्यमंत्रणा समिति ने विधानसभा का एजेंडा फाइनल कर दिया. विधानसभा की कार्यवाही और एजेंडे कार्यमंत्रणा समिति में तय होते है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष और सभी दलों के विधानमंडल दल के नेता शामिल होते है. लेकिन विधानसभा के लिए कार्यमंत्रणा समिति की हुई बैठक में विपक्ष नहीं था.


ऐसा शायद ही पहले कभी हुआ हो, पिछले विधानसभा सत्र में विपक्ष की बात नहीं सुनने के चलते विपक्षी सदस्यों ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफ़ा दे दिया था इस तरह से विपक्ष के कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में न पहुंचने से एक बात स्पष्ट है कि सरकार अब विपक्ष की बात नहीं सुनना चाहती है तभी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बिना विपक्ष की हुई और सारे एजेंडे के पास कर दिए गए.


1 मार्च तक चलेगा बजट सत्र
आपको बताते हैं 26 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा सत्र को 1 मार्च तक चलाया जाना है इसमें इस बार सरकार अपना बजट पेश करेगी. इस बजट को 90,000 करोड़ के आसपास बताई जा रहा है. इस बार के बजट में महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार ने विशेष ध्यान रखा है लेकिन विपक्ष लगातार सरकार पर हर मोर्चे पर फेल होने का आरोप लगा रहा है. विपक्ष ने सीधे तौर पर सरकार पर लॉ एंड आर्डर के मामले में साथी नौकरियों के मामले में और प्रदेश में सभी समुदायों के बीच विश्वास कायम करने के मामले में फेल बताया है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार शायद विपक्ष की और जनता की आवाज सुना ही नहीं चाहती है.


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